Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भरोसे के मामले में फिसला भारत, तीसरे नंबर पर पहुंचा, WEF ने जारी किया एडेलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर

Advertiesment
हमें फॉलो करें भरोसे के मामले में फिसला भारत, तीसरे नंबर पर पहुंचा, WEF ने जारी किया एडेलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

दावोस , सोमवार, 20 जनवरी 2025 (21:53 IST)
India slips to 3rd place on trust barometer : सरकार, व्यवसायों, मीडिया और गैर सरकारी संगठनों पर लोगों के भरोसे के मामले में भारत एक स्थान फिसलकर तीसरे स्थान पर आ गया है। कम आय वाली आबादी अपने अमीर समकक्षों की तुलना में इन पर बहुत कम भरोसा करती है। यहां सोमवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
 
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक की शुरुआत से पहले जारी वार्षिक ‘एडेलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर’ (जो अब अपने 25वें वर्ष में है) ने यह भी दिखाया कि जब भारतीय मुख्यालय वाली कंपनियों में अन्य देशों के लोगों के भरोसे की बात आती है, तो भारत 13वें स्थान पर है।
विदेशी मुख्यालय वाली कंपनियों की इस सूची में कनाडा शीर्ष पर है और इसके बाद जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका हैं, जबकि भारत से ऊपर की रैंकिंग में मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, चीन और ब्राजील शामिल हैं।
 
सरकार, व्यवसायों, मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों पर आम जनता के भरोसे की समग्र सूची में चीन फिर से शीर्ष पर रहा, जबकि भारत का अंक अपरिवर्तित रहने के बावजूद यह तीसरे स्थान पर खिसक गया क्योंकि अंक में बढ़ोतरी हासिल करके इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर पहुंचा गया। 28 देशों के सर्वेक्षण में जापान को ब्रिटेन की जगह सबसे निचले स्थान पर देखा गया।
 
भारत सहित अधिकांश देशों में, कम आय वाली आबादी उच्च आय वर्ग की तुलना में बहुत कम भरोसा करती है।
 
उच्च आय वर्ग में भारत, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और चीन के बाद चौथे स्थान पर था, जबकि कम आय वाली आबादी ने भारत को चीन और इंडोनेशिया के बाद तीसरा सबसे भरोसेमंद देश बना दिया।
 
हालांकि, भारतीय संस्थानों में विश्वास जताने वाली कम आय वाली आबादी का प्रतिशत बहुत कम 65 था, जबकि उच्च आय वाले लोगों के मामले में यह 80 प्रतिशत था।
 
सर्वेक्षण में विश्वस्तर पर हिंसा और दुष्प्रचार के साथ कुछ परेशान करने वाले रुझान भी सामने आए हैं, जिन्हें अब बदलाव के लिए वैध माध्यम के रूप में देखा जा रहा है। सर्वेक्षण में अधिकांश देशों में चुनावों या सरकारों के बदलाव का बहुत कम प्रभाव दिखाया गया।
 
वैश्विक संचार फर्म एडेलमैन, जिसने 28 देशों में 33,000 से अधिक उत्तरदाताओं का सर्वेक्षण किया, ने कहा कि बैरोमीटर से पता चला है कि आर्थिक डर अब शिकायत में बदल गया है, 10 में से छह उत्तरदाताओं ने मध्यम से उच्च दर्जे की शिकायत की भावना दर्ज कराई।
 
इसमें कहा गया है कि इसे इस धारणा से परिभाषित किया गया है कि सरकार और व्यवसाय उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं और संकीर्ण हितों की पूर्ति करते हैं, और अंततः अमीरों को फायदा होता है जबकि आम लोग संघर्ष करते हैं।
 
भेदभाव का अनुभव करने का डर 10 अंक बढ़कर 63 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें सभी लिंग, उम्र और आय स्तर के अधिकांश लोग शामिल हैं। बैरोमीटर से पता चला कि अमेरिका में श्वेत लोगों के बीच सबसे बड़ा उछाल (14 अंक) देखा गई।
 
सर्वेक्षण ने वैश्विक स्तर पर संस्थागत नेताओं में विश्वास की अभूतपूर्व कमी को भी उजागर किया। औसतन 69 प्रतिशत उत्तरदाताओं को चिंता है कि सरकारी अधिकारी, व्यापारिक नेता और पत्रकार जानबूझकर उन्हें गुमराह करते हैं। वर्ष 2021 से इस औसत संख्या में 11 अंक की वृद्धि हुई है।
 
इसने विश्वसनीय जानकारी पर भ्रम को भी रेखांकित किया है जिसके तहत 63 प्रतिशत ने कहा कि यह बताना कठिन होता जा रहा है कि क्या समाचार किसी सम्मानित स्रोत द्वारा तैयार किया गया था या धोखाधड़ी के प्रयास से।
 
चिंताजनक रूप से 10 में से चार उत्तरदाताओं (18-34 उम्र वर्ग के 53 प्रतिशत) ने परिवर्तन लाने के लिए शत्रुतापूर्ण सक्रियता के एक या अधिक रूपों की बात कही जिसमें लोगों पर ऑनलाइन हमला करना, जानबूझकर गलत सूचना फैलाना, धमकी देना या हिंसा करना और सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है।
 
अन्य प्रमुख निष्कर्षों में शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में विश्वास की कमी शामिल है। भरोसा सूचकांक पर सबसे बड़ी 10 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से पांच सबसे कम भरोसेमंद देशों में शामिल हैं जिनमें जापान (37 प्रतिशत के साथ सबसे कम भरोसेमंद), जर्मनी (41 प्रतिशत), ब्रिटेन (43 प्रतिशत), अमेरिका (47 प्रतिशत) और फ्रांस (48 प्रतिशत)।
 
विकासशील देश अधिक भरोसेमंद निकले जिनमें चीन (77 प्रतिशत), इंडोनेशिया (76 प्रतिशत), भारत (75 प्रतिशत) और संयुक्त अरब अमीरात (72 प्रतिशत) एक बार फिर भरोसा सूचकांक के लिहाज से शीर्ष पर रहे। कर्मचारियों के बीच भरोसे में तीन अंक की गिरावट के बावजूद ‘माय एम्प्लॉयर’ 75 प्रतिशत के साथ विश्व स्तर पर सबसे भरोसेमंद संस्थान बना हुआ है। भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LIVE: राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप लेंगे यह सबसे बड़ा फैसला