Pahalgam terror attack News : अब पाकिस्तान दाने-दाने को तरस जाएगा। भारत ने पिछले महीने पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हालांकि पुलवामा आतंकी हमले के बाद 2019 में पाकिस्तानी वस्तुओं पर 200 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया गया था, जिससे प्रत्यक्ष आयात पर प्रभावी रूप से रोक लग गई थी, लेकिन हालिया निर्णय से तीसरे देशों के माध्यम से पाकिस्तानी वस्तुओं के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इस निर्णय से पाकिस्तान से भारत में माल की सभी आवक पूरी तरह से रुक जाएगी। भारत का पाकिस्तान को पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक निर्यात 44.76 करोड़ डॉलर था, जबकि आयात मात्र 4.2 लाख डॉलर था। ये आयात अंजीर (78,000 डॉलर), तुलसी और रोज़मेरी जड़ी-बूटियां (18,856 डॉलर), कुछ रसायन और हिमालयी गुलाबी नमक जैसी खास वस्तुओं तक सीमित थे। 2023-24 में आयात 28.8 लाख डॉलर था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने दो मई को एक अधिसूचना में कहा कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान में बने या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर रोक लगाई जाएगी।” इसमें कहा गया कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। आदेश में कहा गया कि इस प्रतिबंध के किसी भी अपवाद के लिए भारत सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
एफटीपी में पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध शीर्षक के तहत प्रावधान डालते हुए इसमें कहा गया है, “पाकिस्तान से आयात या निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हो या अन्यथा अनुमति प्राप्त हो, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।”
यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है। इसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इससे पाकिस्तान से सीधे या किसी अन्य व्यापार मार्ग के माध्यम से माल के आयात पर प्रतिबंध लग जाएगा।”
अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान पड़ोसी देश से मुख्य आयात में फल और मेवे (80,000 डॉलर), कुछ तिलहन और औषधीय पौधे (2.6 लाख डॉलर) और जैविक रसायन शामिल थे।
आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कदम उठाए, जिसमें अटारी सीमा चौकी को तत्काल बंद करना शामिल है, जिसका इस्तेमाल कुछ खास तरह के सामानों की आवाजाही के लिए किया जाता है। इसके अलावा भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की है।
जवाबी कार्रवाई में, पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की है, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी भी तीसरे देश से व्यापार शामिल है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में भारी गिरावट आई है।
भारत ने 200 प्रतिशत शुल्क लगाने के अलावा पाकिस्तान का तरजीही राष्ट्र व्यापार का दर्जा भी वापस ले लिया था। वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात 1.18 अरब डॉलर और आयात 28.8 लाख डॉलर था। इससे पहले 2022-23 और 2021-22 में, भारत ने क्रमशः 62.71 करोड़ डॉलर और 51.38 करोड़ डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात किया और 2.01 करोड़ डॉलर और 25.4 लाख डॉलर मूल्य के उत्पादों का आयात किया।
भारत के इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि भारत पाकिस्तानी वस्तुओं पर निर्भर नहीं है, इसलिए इसका आर्थिक प्रभाव न्यूनतम है।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हालांकि, पाकिस्तान को अभी भी भारतीय उत्पादों की आवश्यकता है और वह तीसरे देशों के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए और रिकॉर्ड न किए गए मार्गों से उन तक पहुंचना जारी रख सकता है। पाकिस्तान से भारत का पहले से ही नगण्य आयात अब शून्य हो जाएगा। भारत में किसी को भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होगी, सिवाय शायद हिमालय के गुलाबी नमक (सेंधा नमक) के, जो पाकिस्तान के नमक भंडारों से निकाला जाता है।
भारत में ऐसे आएगा सामान
एक अधिकारी ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान से 50 करोड़ डॉलर मूल्य के सूखे मेवे और रसायन जैसे सामान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, इंडोनेशिया और श्रीलंका जैसे तीसरे देशों के माध्यम से भारत आ रहे हैं। अधिकारी के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान से 50 करोड़ डॉलर के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा, जो पहले सीधे भारत को निर्यात किया जाता था, अब अन्य देशों के माध्यम से भेजा जा रहा है।
पाकिस्तान से फल, सूखे खजूर, चमड़ा और वस्त्र भारत को निर्यात करने के लिए यूएई में उनकी दोबारा पैकिंग की जाती है और लेबल लगाए जाते हैं। वहीं रसायनों को सिंगापुर के माध्यम से भेजे जाने की आशंका है। इसी तरह, इंडोनेशिया को पाकिस्तानी सीमेंट, सोडा ऐश और कपड़ा कच्चे माल के लिए पारगमन मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। संभावना है कि श्रीलंका से पाकिस्तानी सूखे मेवे, नमक और चमड़े के सामान भारत भेजे जा रहे होंगे।
अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस बात की आशंका है कि भारत को 50 करोड़ डॉलर का कुछ निर्यात अन्य देशों के माध्यम से हो रहा है, इसलिए पाकिस्तान से भारत को होने वाले निर्यात (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना तथा उन वस्तुओं की पहचान और निगरानी करना आवश्यक है जो मूल देश के नाम पर हेराफेरी करके आ रही हैं।
इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma