संयुक्त राष्ट्र। भारत के अगले साल यानी 2023 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रखंड के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा विश्व जनसंख्या संभावना 2022 में कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 15 नवंबर, 2022 को आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है।
 
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से सबसे धीमी गति से बढ़ रही है, और 2020 में यह एक प्रतिशत से कम हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि दुनिया की जनसंख्या 2030 में लगभग 8.5 अरब और 2050 में 9.7 अरब तक बढ़ सकती है।
 
									
										
								
																	अनुमान के मुताबिक इसके 2080 के दौरान लगभग 10.4 अरब लोगों की आबादी के साथ ही शिखर पर पहुंचने और वर्ष 2100 तक उसी स्तर पर बने रहने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा, इस वर्ष का विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) एक ऐसे वर्ष के दौरान आता है, जब हम पृथ्वी के आठ अरबवें निवासी के जन्म की उम्मीद कर रहे हैं।
 
									
											
									
			        							
								
																	यह हमारी विविधता का जश्न मनाने, हमारी समान मानवता को पहचानने और स्वास्थ्य में प्रगति पर आश्चर्य करने का अवसर है, जिसने जीवन प्रत्याशा को बढ़ाया है और नाटकीय रूप से मातृ एवं बाल मृत्यु दर में कमी आई है।
 
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	उन्होंने कहा, इसके साथ ही यह हमारे ग्रह की देखभाल करने के लिए हमारी साझा जिम्मेदारी की याद दिलाता है और यह प्रतिबिंबित करने का भी वक्त है कि हम अब भी एक-दूसरे के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से कहां चूकते हैं।
 
									
					
			        							
								
																	रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के 2023 के दौरान दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने का अनुमान है। इसके मुताबिक, 2022 में दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया थे, जहां 2.3 अरब लोग रह रहे हैं, जो वैश्विक आबादी के 29 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	वहीं मध्य और दक्षिणी एशिया की आबादी 2.1 अरब है जो कुल वैश्विक जनसंख्या के 26 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती है। चीन और भारत इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं। इन दोनों देशों की आबादी 2022 में 1.4 अरब से अधिक है।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	वैश्विक जनसंख्या में 2050 तक अनुमानित वृद्धि की आधे से अधिक आबादी सिर्फ आठ देशों डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया में केंद्रित होगी।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	रिपोर्ट, दुनिया के सबसे बड़े देशों में असमान जनसंख्या वृद्धि दर आकार के अनुसार उनकी रैंकिंग को बदल देगी। उदाहरण के लिए, भारत के 2023 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत की आबादी 1.412 अरब है, जबकि चीन की आबादी 1.426 अरब है।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	भारत 2023 तक दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़ देगा और उसकी आबादी अनुमान के मुताबिक 2050 में 1.668 अरब होगी, जो सदी के मध्य तक चीन की अनुमानित 1.317 अरब आबादी से बहुत आगे है।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया कि दस देशों से 2010 और 2021 के बीच 10 लाख से अधिक लोग बाहर गए। इनमें पाकिस्तान (2010-21 के बीच एक करोड़ 65 लाख लोग), भारत (35 लाख लोग), बांग्लादेश (29 लाख लोग), नेपाल (16 लाख लोग) और श्रीलंका (10 लाख लोग) शामिल हैं।(भाषा)