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सिंधु जल समझौते पर पाक से वार्ता के लिए इस्लामाबाद पहुंचा भारतीय दल

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नई दिल्ली , सोमवार, 20 मार्च 2017 (10:08 IST)
उड़ी हमले के बाद सिंधु जल समझौते पर भारत और पाकिस्तान के बीच टूटी वार्ता फिर शुरू करने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद पहुंच गया है जहां वह दो दिन रहेगा। वैसे भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सिंधु समझौते के तहत मिले अधिकार से वह पीछे नहीं हटेगा।
सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना के नेतृत्व में 10 सदस्यीय दल पाकिस्तान पहुंच गया है, जो भारत की जल परियोजनाओं पर पाकिस्तान की आशंका को दूर करने की कोशिश करेगा। इस दल में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ-साथ तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने साफ कर दिया है कि बैठक के दौरान भारत के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
 
दो दिवसीय बैठक में भाग लेने जा रहे इस प्रतिनिधिमंडल में भारत के सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना, विदेश मंत्रालय के अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों और भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने वाघा सीमा पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। वाघा सीमा पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को प्रतिनिधिमंडल तक पहुंचने नहीं दिया गया।
 
यहां पहुंचने के बाद प्रतिनिधमंडल कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क के रास्ते इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गया। इस बीच भारत सरकार के एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भारत सिंधु जल संधि के तहत परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान की चिंताओं पर चर्चा करने और उनका समाधान करने के लिए सदा तैयार है। हलांकि सूत्र ने इस बात को दोहराया कि भारत की ओर से 57 साल पुरानी इस संधि के तहत अपने उचित अधिकारों को दोहन करने को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
 
बहरहाल, इस बैठक के एजेंडे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। उरी आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से इस संधि पर बातचीत नहीं करने का फैसला करने के छह महीने के उपरांत यह बैठक होने जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक के एजेंडे को लेकर सहमति बनाने में विलंब से मुद्दों के समाधान के लिए कम समय मिलेगा तो सूत्र ने ना में जवाब दिया।
 
पाकिस्तान लगातार सिंधु से जुड़ी नदियों पर भारत की परियोजनाओं का विरोध करता रहा है और विश्व बैंक से मध्यस्थता की गुहार लगाता रहा है। दरअसल, नदी परियोजनाओं पर विवाद को दूर करने के लिए भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल आयुक्त बना रखा है। विवाद को लेकर दोनों देशों के आयुक्तों की छह महीने में बैठक होना तय किया गया है। लेकिन पिछले साल 18 सितंबर को उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी द्विपक्षीय बातचीत को स्थगित कर दिया था। इसमें सिंधु जल समझौते पर बातचीत भी शामिल था।
 
यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी साफ कर दिया था कि सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर भारत अपनी परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाएगा और अपने हिस्से के अधिकतम पानी का उपयोग करेगा। एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू होने जा रही है।
 
दरअसल, पाकिस्तान भारत की पांच जलविद्युत परियोजनाओं का विरोध कर रहा है। इनमें सिंधु नदी पाकल दुल, रातले, किशनगंगा, मियार और लोअर कालनई की परियोजनाएं शामिल हैं। पाक का कहना है कि ये परियोजनाएं सिंधु जल समझौते का उल्लंघन हैं। जबकि भारत इससे इन्कार किया है। पाकिस्तान सिंधु जल समझौते के मध्यस्थ विश्व बैंक के सामने भी यह मसला उठा चुका है। पाकिस्तान के रुख को देखते हुए बैठक से सकारात्मक नतीजे की उम्मीद नहीं है। (भाषा)

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