युवाओं के इंस्टाग्राम एक आज एक जरूरत बन गई है, लेकिन हाल ही में यह खुलासा हुआ है कि इसकी वजह से लडकियों में हीन भावना पैदा हो रही है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल में पिछले माह प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि फेसबुक को मालूम है इंस्टाग्राम की वजह से टीनएजर का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है।
कंपनी की अंदरूनी रिसर्च में भी कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य की परेशानियों से जूझ रहे टीनएजर कहते हैं कि इंस्टाग्राम से उनकी हालत बदतर हो गई। कंपनी जानती है कि इंस्टाग्राम टीनएज लड़कियों को स्वयं के बारे में खराब सोचने के लिए मजबूर करता है। उनमें हीनभावना पैदा करता है। गुरुवार को अमेरिकी सांसदों ने फेसबुक के ग्लोबल सेफ्टी प्रमुख एंटीगोन डेविस से उसकी सेवाओं के बच्चों पर पड़ने वाले मानसिक और भावनात्मक प्रभाव के बारे में दो घंटे तक सवाल किए।
दो कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी के प्रमुख मार्क जकरबर्ग और शेरिल सेंडबर्ग नकारात्मक खबरों से बचने के लिए जानबूझकर सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आ रहे हैं। फेसबुक ने अपनी सफाई में एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि जर्नल की खबरें गलत हैं। संदर्भ से परे हैं। दूसरी ओर कुछ कर्मचारियों का कहना है कि ब्लॉग पोस्ट से उनकी चिंता खत्म नहीं हुई है।
इन दिनों अमेरिका में यह यह सवाल सभी परिजनों को परेशान कर रहा है कि इंस्टाग्राम से टीनएजर का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है। यहां तक कि अब इसके स्वामित्व वाली फेसबुक कंपनी को अपने ही कर्मचारियों को विरोध भी झेलना पड़ रहा है।
एक ग्रुप चैट में फेसबुक के डेटा साइंटिस्ट और रिसर्चर्स लिखते हैं कि किस तरह कंपनी के मालिक उन्हें परेशानी में डाल रहे हैं। उलझन बढ़ा रहे हैं। कंपनी के मैसेज बोर्ड पर एक कर्मचारी ने पोस्ट किया- वे रिसर्च की खिल्ली उड़ा रहे हैं। यह हंगामा शांत होने की संभावना नहीं है। बता दें कि आंतरिक रिसर्च की जानकारी अखबार को देने वाली फेसबुक की पूर्व कर्मचारी एक टीवी कार्यक्रम में और खुलासे करेंगी।