वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका ने बुधवार को परस्पर आर्थिक संबंधों के विस्तार और व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए नए अवसर की तलाश के प्रति प्रतिबद्धता जताई ताकि दोनों देशों के बीच वस्तु एवं सेवाओं का प्रवाह और सुविधाजनक बनाया जा सके।
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने अमेरिका-भारत टोटलाइजेशन समझौते के लिए काम करने का संकल्प किया है जिसके तहत एक-दूसरे के यहां अल्पावधि के लिए काम पर जाने वाले कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष में अंशदान की छूट होती है।
दोनों देशों के बीच बौद्धिक संपदा पर परस्पर संपर्क बढ़ाएंगे ताकि नवोन्मेष रचनात्मकता बढ़ाई जा सके। दोनों पक्षों ने प्रस्तावित अमेरिका भारत टोटलाइजेशन समझौते पर इस साल आगे चर्चा जारी रखने का संकल्प किया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई यहां मंगलवार को हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि द्विपक्षीय व्यापार उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के उन्होंने (दोनों नेताओं ने) वस्तु एवं सेवाओं के व्यापर की बाधाएं हटाने के नए अवरों की तलाश, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ गहरे समन्वय के प्रति समर्थन लोकर प्रतिबद्धता जताई है ताकि दोनों अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार सृजन और संपन्नता बढ़ सके।
दोनों नेताओं को भारत में इस साल होने वाले दूसरे सालाना रणनीतिक और वाणिज्यिक वार्ता का इंतजार है ताकि इस संबंध में ठोस पहलों की पहचान की जा सके। अमेरिका और भारत के बीच मजबूत और विस्तृत होने के संबंध को रेखांकित करते हुए नेताओं ने सतत, समावेशी, सशक्त आर्थिक वृद्धि को मदद करने और उपभोक्ता मांग, रोजगार सृजन, कौशल विकास तथा नवोन्मेष प्रोत्साहित करने के प्रयास के प्रति प्रतिबद्धता जताई। (भाषा)