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पांच देशों के विरोध के कारण NSG में भारत की एंट्री को झटका

हमें फॉलो करें पांच देशों के विरोध के कारण NSG में भारत की एंट्री को झटका
, शुक्रवार, 24 जून 2016 (00:42 IST)
नई दिल्ली। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की एंट्री को एक और झटका लगा है। अभी तक चीन एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा था, लेकिन अब ब्राजील, न्‍यूजीलैंड ऑस्‍ट्र‍िया जैसे देश भी भारत को इस एलीट ग्रुप में सदस्‍यता देने के खिलाफ हैं। खबरें आ रही हैं कि ब्राजील, न्यूजीलैंड और टर्की समेत पांच देश न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में एंट्री का विरोध कर रहे हैं।
दरअसल भारत इस ग्रुप का भागीदार बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। वहीं भारत के पुरजोर प्रयासों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से एनएसजी के लिए समर्थन मांगा
 
एनएसजी की सदस्यता के लिए चीन से समर्थन मांगते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिनपिंग से अनुरोध किया कि भारत के आवेदन का निष्पक्ष और उद्देश्यपरक मूल्यांकन किया जाए जो सोल में चल रहे 48 देशों के समूह के पूर्ण अधिवेशन के समक्ष है। हालांकि करीब 50 मिनट चली मुलाकात एनएसजी में भारत के प्रवेश पर चीन के कड़े विरोध की पृष्ठभूमि में हुई है।

48 सदस्यीय एनएसजी के दो दिवसीय पूर्ण अधिवेशन के पहले दिन की बैठक बेनतीजा समाप्त हुई। चीन ने बार-बार कहा है कि भारत की सदस्यता एजेंडा में नहीं है और समझा जाता है कि भारत की कोशिशों पर किसी भी चर्चा को रोकने के लिए हर कोशिश की। हालांकि, यह भी समझा जाता है कि जापान ने सुबह के सत्र में भारत का मामला उठाया जिसके बाद वह राजी हुआ कि मामले को रात्रिभोज के बाद विशेष बैठक में उठाया जाएगा।
 
भारतीय आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीन के साथ ऑस्ट्रिया, आयरलैंड और ब्राजील समेत अन्य देशों ने सवाल किया कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले भारत जैसे देश को समूह में कैसे शामिल किया जा सकता है। दरअसल, उनका विरोध सिद्धांत और प्रक्रिया को लेकर रहा।
 
ब्राजील के ऐतराज ने भारतीय राजनयिकों को हैरान कर दिया जिन्होंने उल्लेख किया कि वह पांच राष्ट्रों वाले ‘ब्रिक्स’ समूह का सदस्य है। भारत और ब्राजील के अलावा समूह में रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। यहां पर मौजूद विदेश सचिव एस जयशंकर ने इससे पहले ब्राजीली प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। अधिकारियों ने बताया कि चर्चा बेनतीजा रही और शुक्रवार को अधिवेशन के समाप्त होने के पहले ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा।
 
 


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