नैरोबी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अफ्रीकी देशों की यात्रा के सफर में आज केन्या पहुंचे। उन्होंने कहा कि केन्या में आज जो मैं नजारा देख रहा हूं, हिंदुस्तान में भी जो देखते होंगे, वे यही सोचते होंगे कि ये कार्यक्रम तो हिंदुस्तान में दिख रहा है। उन्हें लगेगा कि हम अफ्रीका की धरती पर ये नजारा पेश कर रहे हैं। यहां पर मुझे भारत के हर कोने की महक आ रही है।
जब मैं और राष्ट्रपति यहां आ रहे थे, तब सारे कलाकार दोनों तरफ खड़े थे, उन कलाकारों को देखकर लग रहा था मानों जैसे पूरा हिंदुस्तान उमड़ पड़ा हो। मैं यहां भारत के हर कोने की महक महसूस कर रहा था।
सदी पहले हमारे पूर्वज यहां आए हैं। मजदूर के रूप में आए थे। उन्हें कोई मजदूरी करने ले आया होगा। यहां कोई तीसरी पीढ़ी होगी या चौथी पीढ़ी होगी, जो कभी हिंदुस्तान की धरती पर कभी कदम नहीं रख पाई होगी। यह सुना होगा कि गंगा है, हिमालय है नागालैंड हैं लेकिन उन्हें जाने का सौभाग्य नहीं मिला।
आपने यहां पर आज हिंदुस्तान को जड़ों से जोड़कर रखा है, यह असामान्य बात है। यहां पर हमारे पूर्वजों की गाथाएं और मानवता के लिए संदेश पूरी दुनिया में गया है। कई पीढ़ियों से यहां भारतीय रह रहे हैं। हर हिंदुस्तानी को यहां पर भारतीय होने पर गर्व है। हमारे पूर्वजों के यहां आने का कोई भी कारण रहा होगा, लेकिन यहां की धरती को अपना बना लिया और इसके विकास में जुट गए। यहां का हर नागरिक आपको अपना मानता है और स्वीकार करते हुए अभिनंदन करता है।
पिछले दिनों भारत में इंडिया-अफ्रीका समिट हुई थी, जिसमें केन्या के राष्ट्रपति भी आए थे। तब राष्ट्रपति ने कहा था कि मोदीजी आपको इस कैलेंडर वर्ष में यहां आना होगा। इसीलिए आज मैं आपके बीच हूं। भारत के लिए अफ्रीका के देश महत्वपूर्ण हैं। हमारी सुख-दु:ख की यात्रा साथ चली है।
हम दोनों देश दुनिया की भलाई का लक्ष्य लिए चल रहे हैं। हम चाहे कितनी ही दूरी पर रहें, हिंदुस्तान में यदि कोई पीड़ा हो जाए तो आप सो नहीं पाते हैं। यही तो मानवता की घुट्टी पिलाई गई है हमें। दुनियाभर में जहां भी भारतीय रह रहे हैं, वे सच्चे रूप से भारत के एम्बेसेडर हैं। दुनियाभर में भारतीयों की जब कोई प्रशंसा करता है तो मेरा सीना कई गुना चौड़ा हो जाता है। आज विश्व के लोगों के मन में भारत के प्रति देखने का नजरिया बदल गया है और वह हमें आनंद देता है। भारत में कुछ अच्छा हो तो आप लोग खुशियों से भर जाते हो।
मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। एक बार मैं केरल गया। तो केरल में एक कच्छी परिवार के साथ मेरा भोजन था। तो बातों-बातों में मैं वर्षा की चर्चा कर रहा था लेकिन बारिश की खुशी से खुश नहीं हुए। जिस दिन मैं निकलने वाला था, तब वहां खुशी का माहौल था। अभी-अभी खबर आई है कि कच्छ में बारिश हो गई यानी वो केरल में रहते थे, भरपूर बारिश थी लेकिन जब तक कच्छ में बारिश नहीं आई, तब तक वे खुश नहीं थे।
2014 में जब भारत में लोकसभा के चुनाव चल रहे थे, नतीजे हिंदुस्तान में आ रहे थे लेकिन टीवी रेडियो के सामने से केन्या के लोग हट नहीं रहे थे। चुनाव हिंदुस्तान में थे लेकिन मिठाइयां केन्या में बंट रही थीं। मैं बड़ी नम्रता के साथ सिर झुकाकर आपके साथ निवेदन करना चाहता हूं कि 2 साल में इस सरकार ने वो कदम उठाए हैं, जहां विश्व में फैला हर हिंदुस्तानी गर्व कर सकता है। सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे हिंदुस्तानी का सिर नीचा हो। हर हिंदु्स्तानी दुनिया के सामने आंखों में आंखें डालकर बात कर सके, यह ताकत पैदा हुई है।
आज पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी की खबरें आ रही हैं। ऐसी स्थिति में एक अकेला हिंदुस्तान तेजी से बढ़ने वाली आर्थिक अर्थव्यवस्था बना हुआ है। ये अचानक नहीं हुआ है। 2014 में मोदी पर शंका व्यक्त की जाती थी कि यह कैसे करेगा? कई सवाल थे? सही भी था क्योंकि मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद पार्लियामेंट देखी। जो लोग मुझ पर शंका करते थे, उनका सोचना भी गलत नहीं था, मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है। भारत में 2 साल अकाल पड़ा और कुछ इलाकों में पानी भेजने के लिए ट्रेन लगानी पड़ी। इन तमाम बातों के बावजूद भी 7.6 फीसदी भारत की ग्रोथ है। हम यहां रुकने वाले नहीं हैं। हमें अपने देश की ग्रोथ को 8 फीसदी पर पहुंचाना है।
जब मैं 15 अगस्त को लालकिले से टॉयलेट की बात कर रहा था, तब लोग मेरा मजाक उड़ा रहे थे कि प्रधानमंत्री स्वच्छता के लिए बात कर रहा है। लालकिले की प्राचीर से पहले बहुत बड़ी-बड़ी बातें हुईं, मैं छोटे लोगों की छोटी बात से शुरुआत कर रहा था। सवा सौ करोड़ भारतीयों की ताकत को मैं पहचानता हूं और उनका आगे बढ़ने का इरादा है। जनता जनार्दन तो ईश्वर का दूसरा रूप है। यदि एक बार जनता ठान ले तो कोई उन्हें नहीं रोक सकता है। अब हर हिंदुस्तानी मुसीबतों को पार करने का संकल्प ले चुका है। समय सीमा में स्कूल में टॉयलेट बनाना है तो बनाना है।
केन्या में काफी लोगों ने नरेन्द्र मोदी को अपने मोबाइल में डाउनलोड किया है आप यहां मेरा हर तरह का काम का हिसाब देख सकते हैं। मैंने लालकिले से घोषणा कर दी कि हम 1000 दिन में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचा देंगे। अभी तो 400 दिन भी नहीं हुए हैं और 60 प्रतिशत काम हो चुका है। सामान्य मानवीय आवश्यकताओं में बदलाव लाने की दिशा में काम चल रहा है।
आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा भाग्यशाली देश है। भारत का नौजवान बुद्धिमान है। इनोवेटिव है, इंटेलिजेंट है और साहसिक है। इसीलिए हमने स्टार्ट-अप शुरू किया है। अभी स्टार्ट-अप में भारत चौथे नंबर पर है और मेरी कोशिश उसे नंबर 2 पर लाने की है। स्टार्ट-अप में विश्व में बदलाव लाने की ताकत है। अभी भारत ने एक साथ 20 सैटेलाइट आसमान में छोड़े। 2 सैटेलाइट तो हमारे छात्रों ने छोड़े। अमेरिका भी भारत की ताकत का लोहा मानने लगा है। हम उपनिषद से लेकर उपग्रह तक अपनी शक्ति से दुनिया को परिचित करने की राह पर चल पड़े हैं।
दुनिया दो संकटों से गुजर रही है। एक है आतंकवाद और दूसरा ग्लोबल वार्मिंग। हम सभी भारतीयों ने विश्वभर में पूरे विश्वास के साथ, बड़ी श्रद्धा के साथ यह बात पहुंचाई है कि यदि मानवता में विश्वास रखते हो तो एकजुट हो जाओ। जितनी जल्दी मानवीय शक्तियां एकजुट होंगी, उतनी ही जल्दी अमानवीय शक्तियों का हम खात्मा कर सकेंगे। हमने जिस प्रकार प्रकृति का शोषण किया है, उसी का कारण है कि मानव संकट में आया है। भारत दुनिया को इस संकट से उबरने का रास्ता दिखा सकता है।