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इजराइली शोध संस्थान पर गिरी ईरानी मिसाइल, निशाने पर थे वैज्ञानिक

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रेहोवोत (इजराइल) , शुक्रवार, 20 जून 2025 (11:15 IST)
Iran Israel War: इजराइल वर्षों से ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों (nuclear scientists) को निशाना बनाता रहा है ताकि ईरान के परमाणु (Iranian nuclear ) कार्यक्रम को आगे बढ़ने से रोका जा सके लेकिन अब दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष में इजराइल के वैज्ञानिक भी निशाने पर आ गए हैं। दोनों ओर से जारी हमलों के बीच ईरान की मिसाइल ने इजराइल (Israel) के ऐसे प्रमुख शोध संस्थान पर हमला किया है, जो जीवन विज्ञान और भौतिकी समेत विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अपने काम के लिए जाना जाता है।
 
'वीजमैन विज्ञान संस्थान' पर रविवार तड़के हुए हमले में हालांकि किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन इससे परिसर में स्थित कई प्रयोगशालाओं को भारी क्षति पहुंची है जिससे वर्षों से जारी शोध कार्य प्रभावित हुए हैं और इजराइली वैज्ञानिकों को यह भयावह संदेश गया है कि ईरान के साथ बढ़ते संघर्ष में अब वे एवं उनके शोध कार्य भी निशाने पर आ गए हैं। आणविक कोशिका जीव विज्ञान विभाग और आणविक तंत्रिका विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ओरेन शुल्डिनर की प्रयोगशाला इस हमले में नष्ट हो गई। उन्होंने कहा कि यह ईरान के लिए एक नैतिक जीत है। वे इजराइल में विज्ञान के क्षेत्र के प्रमुख संस्थान को नुकसान पहुंचाने में कामयाब रहे।ALSO READ: क्या 15 दिन में परमाणु बम बना सकता है ईरान?
 
इजराइल ने ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को कई बार निशाना बनाया है : इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पीछे धकेलने के उद्देश्य से ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को कई बार निशाना बनाया है। इजराइल ने कुछ दिन पहले ईरान के खिलाफ अपने शुरुआती हमले में भी यही रणनीति जारी रखी। हमले में कई शीर्ष जनरल के साथ कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरान के परमाणु केंद्रों एवं बैलिस्टिक मिसाइल संबंधी बुनियादी ढांचे पर हमला किया गया।ALSO READ: ईरान में तबाही मचा सकता है अमेरिका का बंकर बस्टर बम, क्यों है इजराइल के लिए जरूरी?
 
'वीजमैन विज्ञान संस्थान' की स्थापना 1934 में की गई थी और बाद में इसका नाम बदलकर इजराइल के पहले राष्ट्रपति के नाम पर वीजमैन रखा गया। यह दुनिया के शीर्ष शोध संस्थानों में से एक है। इसके वैज्ञानिक और शोधकर्ता हर साल सैकड़ों अध्ययन प्रकाशित करते हैं। रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार और तीन ट्यूरिंग पुरस्कार इस संस्थान से जुड़े वैज्ञानिकों के नाम हैं। इस संस्थान ने 1954 में इजराइल में पहला कंप्यूटर बनाया था।ALSO READ: ईरान को एक और झटका, हैकरों ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से उड़ाए करीब 8 अरब
 
संस्थान के अनुसार हमले में 2 इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं जिनमें से एक में जीवन विज्ञान प्रयोगशालाएं थीं और दूसरी इमारत खाली एवं निर्माणाधीन थी। यह रसायन विज्ञान के अध्ययन के लिए थी। दर्जनों अन्य इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। परिसर को हमले के बाद से बंद कर दिया गया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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