उल्लेखनीय है कि देश की संघीय जांच एजेंसी (FBI) ट्रंप पर फायरिंग मामले की जांच कर रही है। सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों के हवाले से आई खबर में बताया कि पेन्सिलवेनिया में गोली लगने की घटना के बाद ट्रंप की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पेन्सिलवेनिया में एक रैली के दौरान एक बंदूकधारी ने पांच राउंड फायरिंग की थी। इसमें एक गोली ट्रंप के कान को छूकर निकल गई।
फिर टारगेट पर थे ट्रंप ! इस बीच मंगलवार को रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन सेंटर के बाहर चाकू लहरा रहे शख्स को पुलिस ने गोली मारकर ढेर कर दिया। यहां से मास्क पहने एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से बरामद एक बैग से एके 47 बरामद की गई है।
हमले का ईरान से कनेक्शन नहीं : हालांकि, ईरान से मिली धमकियों और शनिवार को उन्हें गोली मारे जाने की घटनाओं के बीच कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। इधर संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने ट्रंप पर हमले की साजिश वाली खबरों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया। ईरान का कहना है कि ट्रंप एक अपराधी हैं जिनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
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ट्रंप से क्यों नाराज हैं ईरान : उल्लेखनीय है कि 2020 में इराक में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के कुद्स बल के नेता कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। उस समय अमेरिका की कमान डोनाल्ड ट्रंप संभाल रहे थे। इस हमले के बाद तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को ईरान से धमकियों का सामना करना पड़ा।
Edited by : Nrapendra Gupta