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क्या एलन मस्क अमेरिकी सरकार पर नियंत्रण हासिल कर रहे हैं? हमें क्यों चिंतित होना चाहिए

मस्क ने इस आलोचना का भी जवाब दिया कि वह अमेरिकी सरकार पर जबरन नियंत्रण हासिल कर रहे हैं।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (18:45 IST)
सिडनी। अमेरिका के कई लोग इस बात से भयभीत हैं कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musk) को हाल के हफ्तों में अमेरिकी सरकार के विभिन्न कार्यालयों में 'हस्तक्षेप' की अनुमति दी गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थन तथा भरोसेमंद लोगों की एक छोटी-सी टीम के सहयोग से मस्क ने अमेरिका की विशाल संघीय नौकरशाही पर सफलतापूर्वक नियंत्रण हासिल कर लिया है।
 
मंगलवार को ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए जिससे मस्क को और भी अधिक शक्ति मिल गई। इसके तहत संघीय एजेंसियों को अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने और नई नियुक्तियों को प्रतिबंधित करने में मस्क की अगुवाई वाले 'सरकारी दक्षता विभाग' (जिसे डीओजीई के नाम से जाना जाता है) के साथ सहयोग करना होगा।ALSO READ: एलन मस्क ने क्यों कहा, दिवालिया हो सकता है अमेरिका?
 
मस्क ने दिया इस आलोचना का भी जवाब : ट्रंप प्रशासन में एक विशेष सरकारी कर्मचारी के रूप में शामिल होने के बाद मीडिया को दी गई अपनी पहली टिप्पणी में मस्क ने इस आलोचना का भी जवाब दिया कि वह अमेरिकी सरकार पर जबरन नियंत्रण हासिल कर रहे हैं। लोगों ने प्रमुख सरकारी सुधार के लिए मतदान किया था और यही परिणाम उन्हें मिलने वाला है। क्या मस्क के कदम सरकार पर कब्जा या तख्तापलट जैसी हैं? मेरा तर्क है कि यह देश पर कब्जा करने का एक रूप है। आइए इसके मायने समझते हैं।ALSO READ: TikTok कौन खरीद रहा है, मस्क, मिस्टर बीस्ट या लैरी एलिसन, क्या फिर भारत लौट सकता है चाइनीज APP
 
यह तख्तापलट या स्व-तख्तापलट क्यों नहीं है? : यह तख्तापलट या स्व-तख्तापलट क्यों नहीं है, क्योंकि सरकारी दक्षता और उत्पादकता को अधिकतम करने के बहाने डीओजीई ने काफी शक्ति अर्जित की है। इसने लगभग सभी सरकारी भुगतानों के लिए जिम्मेदार विशाल प्रणाली में घुसपैठ कर संवेदनशील डेटाबेस और निजी मेडिकल रिकॉर्ड के मामले का उल्लंघन किया है। इसने कई संघीय एजेंसियों की कम्प्यूटर प्रणाली तक पहुंच प्राप्त कर ली है।ALSO READ: एलन मस्क की बढ़ेगी मुश्किल, अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने किया मुकदमा दायर
 
वॉशिंगटन में कई संघीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए मस्क के तूफानी अभियान ने न केवल भ्रम की स्थिति पैदा की है बल्कि इसे समझाना भी मुश्किल है। कुछ इतिहासकारों और टिप्पणीकारों द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय तर्क यह है कि मस्क की कार्रवाई तख्तापलट के बराबर है। उनका तर्क है कि यह सत्ता के भौतिक केंद्रों पर कब्जा करने के पारंपरिक अर्थ में तख्तापलट नहीं है बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रथाओं को खत्म करने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे एक अनिर्वाचित समूह द्वारा डिजिटल बुनियादी ढांचे पर कब्जा करना है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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