इजराइल ने ग्रेटा थनबर्ग के जहाज को लिया कब्जे में, हिरासत में सभी कार्यकर्ता, 20 लाख फिलिस्तीनियों पर अकाल का संकट
मानवीय सहायता के प्रवेश पर इजराइल के प्रतिबंधों के कारण लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों की आबादी वाले क्षेत्र में अकाल का खतरा पैदा हो गया है।
इजराइल की सेना ने सोमवार की सुबह गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए जा रहे एक जहाज को जब्त कर लिया और उसमें सवार सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तथा अन्य जलवायु कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ये कार्यकर्ता गाजा पट्टी में जारी इजराइल के सैन्य अभियान का विरोध करने वाले थे क्योंकि मानवीय सहायता के प्रवेश पर इजराइल के प्रतिबंधों के कारण लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों की आबादी वाले क्षेत्र में अकाल का खतरा पैदा हो गया है।
फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन नामक संगठन ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने और इजराइल की नाकाबंदी तथा युद्ध के दौरान उसके आचरण का विरोध करने और फलस्तीनियों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया था। फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन ने आरोप लगाया कि सामाजिक कार्यकर्ता जब क्षेत्र में बेहद जरूरतमंद लोगों तक सहायता सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे तब इजराइली सेना ने उनका अपहरण कर लिया।
संगठन ने एक बयान में कहा कि जहाज पर अवैध रूप से कब्जा किया गया। जहाज के निहत्थे असैन्य चालक दल के सदस्यों का अपहरण कर लिया गया और इस पर मौजूद जीवन रक्षक राहत सामग्री जैसे कि शिशु फॉर्मूला, भोजन और चिकित्सा आपूर्ति को जब्त कर लिया गया। संगठन ने बताया कि जहाज को गाजा से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में जब्त किया गया।
सेलिब्रिटी का सेल्फी जहाज, जनसंपर्क का हथकंडा
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने यात्रा को एक जनसंपर्क का हथकंडा बताया और सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सेलिब्रिटी लोगों का सेल्फी जहाज सुरक्षित रूप से इजराइल के तट पर पहुंच रहा है। मंत्रालय ने कहा कि यात्री अपने देश लौट जाएंगे और सहायता स्थापित माध्यमों के जरिए गाजा पहुंचाई जाएगी। बाद में मंत्रालय ने फुटेज प्रसारित किया जिसमें इजराइली सैन्यकर्मी नारंगी रंग की लाइफ जैकेट पहने सामाजिक कार्यकर्ताओं को सैंडविच और पानी देते नजर आ रहे हैं।
जहाज से कूदे तटरक्षक
इजराइल के सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नदाव शोशानी ने कहा कि जहाज सोमवार दोपहर तक इजराइल के रास्ते में ही था। उम्मीद है कि जहाज अशदोद बंदरगाह पर उतरेगा। जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन के मैडलीन नामक जहाज पर सवार 12 सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक थीं, जो एक सप्ताह पहले सिसिली से रवाना हुए थे। रास्ते में जहाज गुरुवार को चार प्रवासियों को बचाने के लिए रुका था, जो लीबिया के तटरक्षक द्वारा हिरासत में लिए जाने से बचने के लिए जहाज से कूद गए थे।
क्या बोलीं थनबर्ग
थनबर्ग ने पूर्व में रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा कि मैं अपने सभी दोस्तों, परिवार और साथियों से आग्रह करती हूं कि वे स्वीडन की सरकार पर मुझे और अन्य लोगों को जल्द से जल्द रिहा करने के लिए दबाव डालें। मैडलीन पर सवार लोगों में जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग और फलस्तीनी मूल की रीमा हसन (यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य) भी शामिल हैं।
वह जहाज पर सवार छह फ्रांसीसी नागरिकों में शामिल हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने इजराइल से अनुरोध किया है कि वह हसन को यथाशीघ्र फ्रांस लौटने की अनुमति दे।
इजराइल में मानवाधिकार समूह अदालाह ने कहा कि वह कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। अदालाह ने कहा कि इजराइल के पास जहाज को अपने कब्जे में लेने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में था तथा इजराइल की ओर नहीं बल्कि फलस्तीन के जलक्षेत्र की ओर जा रहा था। अदालाह ने एक बयान में कहा कि मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए अहिंसात्मक तरीके से काम करने वाले निहत्थे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma