तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब इर्दोगान ने एक ऐतिहासिक जनमत संग्रह मामूली अंतर से जीत लिया जिससे सत्ता पर उनकी पकड़ और मजबूत होगी लेकिन इस परिणाम को लेकर देश बंट गया है और विपक्ष ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
इस जनमत संग्रह में ऐसे संवैधानिक बदलावों को हरी झंडी दी गई है, जो इर्दोगान को आधुनिक तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क और उनके उत्तराधिकारी इस्मत इनोनु बाद किसी भी अन्य नेता से अधिक शक्तियां देंगे।
सरकारी संवाद समिति अनादोलु ने रविवार को निर्वाचन आयोग के हवाले से बताया कि 99.5 प्रतिशत मतपत्र पेटियों की गिनती के अनुसार हां मुहिम को 51.4 प्रतिशत मत मिले जबकि ना मुहिम को 48.6 प्रतिशत मत मिले। इस परिणाम की घोषणा के बाद इर्दोगान ने समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर झंडे फहराए। इर्दोगान ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए तुर्की की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमने लोगों के साथ हमारे इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण सुधार को पहचान लिया है। (भाषा)