जेफ सेशंस ने किया अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध का विरोध
वॉशिंगटन , बुधवार, 11 जनवरी 2017 (11:04 IST)
वॉशिंगटन। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अटॉर्नी जनरल पद के लिए नामित सीनेटर जेफ सेशंस ने अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के विचार का विरोध करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि इसे उन लोगों पर केंद्रित किया जाना चाहिए, जो किसी ऐसे देश से आते हों जिसका आतंकवाद का इतिहास रहा है।
सीनेटर जेफ सेशंस ने सांसदों से मंगलवार को कहा कि मुझे इसमें विश्वास नहीं है और मैं इस विचार का समर्थन नहीं करता कि एक धार्मिक समूह के रूप में मुसलमानों को अमेरिका में प्रवेश करने से वंचित किया जाना चाहिए।
सेशंस ने कहा कि हमारे पास बहुत अच्छे मुसलमान नागरिक हैं जिन्होंने अलग-अलग तरीकों से योगदान दिया है और अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता और लोगों को उनकी धार्मिक आस्था का पालन करने का अधिकार देने में गहरा विश्वास रखता है। वे प्रस्तावित मुसलमान प्रतिबंध के मुद्दे पर सीनेटर पैट्रिक लीही के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। मुसलमान प्रतिबंध का मुद्दा पिछले वर्ष के चुनाव अभियान के महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है।
लीही ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अमेरिका में मुसलमान अप्रवासियों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में बार-बार अपना इरादा जता चुके हैं।
लीही ने कहा कि दिसंबर 2015 में आपने एक प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया जिसे मैंने इस समिति में पेश किया था और जिसने सीनेटरों की इस भावना को व्यक्त किया कि किसी भी व्यक्ति को धर्म के आधार पर अमेरिका में प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए। अध्यक्ष समेत सभी डेमोक्रेट, अधिकतर रिपब्ल्किन मेरे प्रस्ताव के समर्थन में थे।
उन्होंने कहा कि क्या आप नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के इस विचार से सहमत हैं कि अमेरिका किसी विशेष धर्म के सदस्यों के प्रवेश पर उनके धर्म के आधार पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए?
सेशंस ने कहा कि ट्रंप ने बाद में बयान को स्पष्ट किया कि वे मानते हैं कि प्रतिबंध लगाने का विचार उन लोगों पर केंद्रित होना चाहिए, जो ऐसे देश से आते हों जिनका आतंकवाद का इतिहास रहा हो तथा ट्रंप ने संकेत दिया था कि उनका सुझाव है कि अमेरिका में प्रवेश देने से पहले ऐसे देशों के लोगों की गहन जांच होनी चाहिए।
सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने सेशंस से सवाल किया कि क्या वे अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले एक कानून का समर्थन करते हैं? इसके जवाब में सेशंस ने ‘नहीं’ कहा। (भाषा)
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