कराची। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री अरबाब गुलाम रहीम ने 12 मई 2007 में यहां हुए जनसंहार को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया है।
पाकिस्तान के 'समा' टीवी के वेब पोर्टल में कल प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार रहीम ने कराची कत्लेआम
का सनसनीखेज खुलासा किया है। रहीम ने समा टीवी से खास बातचीत में कहा कि मुख्य सचिव, सिंध के पुलिस महानिरीक्षक मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के फैसले के पक्ष में नहीं थे।
सिंध के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने एमक्यूएम के प्रमुख तथा तत्कालीन प्रांतीय गवर्नर अल्ताफ हुसैन से
इशरतुल इबाद के सिर कलम करने के बाद उत्पन्न तनाव के बारे में अवगत कराया था। उन्होंने एमक्यूएम के संस्थापक से बात की थी, लेकिन वह इस बात से सहमत नहीं हुए थे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी इस मामले को लेकर सचेत किया था। उन्होंने एकतरफा गोली नहीं चलाने को लेकर चेतावनी दी थी।
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और निलंबित मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के समर्थकों के बीच 12 मई 2007 को हिंसक झड़पें हुई थीं जिसमें 40 लोग मारे गए थे। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि मुशर्रफ की समर्थक मानी जाने वाली (एमक्यूएम) ने अशांति फैलाई लेकिन एमक्यूएम ने इन आरोपों का खंडन किया था। (वार्ता)