वॉशिंगटन। एक शीर्ष आतंकी कमांडर ने खुलासा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा और अफगान तालिबान दोनों पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी का आदेश मानते हैं। पाक जासूसी एजेंसी आईएसआई अपने घृणित निजी स्वार्थों के लिए कश्मीर के मुद्दे पर विभिन्न इस्लामिक संगठनों का इस्तेमाल करती है और उन्हें सहयोग भी देती है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में खूंखार पश्चिमी एशियाई समूह की शाखा आईएसआईएस-खोरासान के प्रमुख हाफिज सईद खान ने इस्लामिक स्टेट द्वारा प्रकाशित की जाने वाली अंग्रेजी भाषा की पत्रिका दाबिक के नवीनतम अंक में दिए गए एक साक्षात्कार में इस बात का खुलासा किया।
हाल ही में वैश्विक आतंकी घोषित किए गए खान ने कहा, ‘वास्तव में, हम यह पहले देख चुके हैं कि किस तरह से पाकिस्तान की बुरी ताकतों ने, विशेषकर उनकी सेना और खुफिया एजेंसी ने अपने घृणित निजी स्वार्थों के चलते कश्मीर के मुद्दे पर विभिन्न इस्लामी (पाकिस्तान समर्थित जिहादी) संगठनों का इस्तेमाल किया है।’
खान ने कहा, ‘वे कश्मीर के लोगों के जोश का इस्तेमाल भी अपने स्वार्थों के लिए करते हैं न कि मुस्लिमों से जुड़ी किसी चिंता के चलते और न ही अल्लाह का शासन स्थापित करने के लिए और वे वहां पर अल्लाह का शासन स्थापित करेंगे भी कैसे, जबकि उन्होंने खुद अपने देश में तो इसे स्थापित नहीं किया है।’
सईद ने कहा कि पाकिस्तान की ‘दिलचस्पी’ हालांकि कभी कम और कभी अधिक होती रहती है। ऐसा पिछले कुछ साल में विशेष तौर पर होता रहा है..और कश्मीर के लोगों को एक ऐसे दलदल में धकेल दिया गया, जहां से उन्हें निकालने वाला कोई था ही नहीं। सईद ने कहा, ‘इसी वजह से कश्मीर के कई लोग और दूसरे आतंकी संगठनों के सदस्य आईएसआईएस में शामिल हो रहे हैं।’ सईद ने यह भी कहा कि आईएसआईएस के पास कश्मीर में विस्तार का ‘बड़ा अवसर’ है।
उसने दावा किया, ‘उन क्षेत्रों में विशेष इंतजाम हैं और मुस्लिमों को जल्दी ही उन इलाकों में खिलाफत के विस्तार की सुखद खबर मिलेगी।’ सईद ने कहा, ‘अनास्थावादी धड़ों और पाकिस्तान की बुरी ताकतों के एजेंट..जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा..का कश्मीर के किसी क्षेत्र पर नियंत्रण नहीं है क्योंकि वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के आदेशों के अनुरूप चलते हैं। क्योंकि वे ही इनके काम को निर्देशित करते हैं। जब उनका मन करता है तो इन्हें आगे धकेल देते हैं और जब मन करता है तो पीछे खींच लेते हैं।’
सईद ने कहा, ‘वे स्थानीय या वैश्विक माहौल के आधार पर, अपने निजी भैतिक स्वार्थों के आधार पर जब चाहें अपनी करतूतें छिपा भी जाते हैं। इस दौरान वे कश्मीर में मुस्लिमों के हितों का कोई ख्याल नहीं करते।’ सईद ने दावा किया कि इसी तरह अफगान तालिबान भी आईएसआई से अपने लिए दिशा-निर्देशन और आदेश लेता है। (भाषा)