सियोल। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने अपने परमाणु हथियारों से नाता तोड़ने के लिए एक शर्त रख दी है। हाल ही में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता के दौरान किम जोंग ने ये शर्त रखी है। हालांकि ये ऐसी शर्त है ऐसी है कि अमेरिका के लिए इनकार करना मुश्किल होगा।
किम जोंग उन ने शिखर वार्ता में दक्षिण कोरिया के अपने समकक्ष से कहा कि अगर अमेरिका कोरियाई युद्ध को औपचारिक रूप से खत्म करने का वादा करे और उत्तर कोरिया पर हमला नहीं करने का वचन दे, तो उनका देश परमाणु हथियारों को त्यागने को तैयार है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो उन्हें एक बार फिर विचार करना पड़ेगा।
दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने रविवार को किम जोंग की इस शर्त का खुलासा किया।
उल्लेखनी है कि शुक्रवार को मून और किम के बीच हुई शिखर वार्ता में उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी से निरस्तीकरण करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया था।
मून के प्रवक्ता यून यंग-चान के मुताबिक, किम ने कहा, 'हमारे बीच जब बातचीत शुरू हो जाएगी, तब अमेरिकी राष्ट्रपति जान जाएंगे कि मैं ऐसा शख्स नहीं हूं कि दक्षिण कोरिया या अमेरिका पर परमाणु हथियार से हमला करूंगा। इस दौरान यदि हम जल्दी-जल्दी बैठकें करें, अमेरिका के साथ विश्वास बहाली कर पाएं और युद्ध को खत्म करने तथा गैर आक्रामकता संधि का वादा मिले तो हमें अपने परमाणु हथियार रखकर मुश्किल में जीने की क्या जरूरत है?'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्विटर हैंडल पर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की परमाणु हथियारों को लेकर शर्त वाली खबर की हेडलाइन को ट्वीट किया है।
गौरतलब है कि उत्तर और दक्षिण कोरियाई नेताओं के बीच महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शिखर वार्ता करवाने वाले व्यक्ति दक्षिण कोरिया के खुफिया अधिकारी सू हून है। सू हून के कारण ही करीब 6 दशक बाद किसी कोरियाई नेता ने बॉर्डर पार किया। हून वो शख्स हैं जो पुराने दुश्मनों के बीच असंभव वार्ता को स्थापित करने के लिए पिछले दो दशकों से प्रयास कर रहे थे। (एजेंसी)