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Weather Update: बारिश के बाद अब उमस सताएगी, दिल्ली एनसीआर में चलेंगी धूलभरी हवाएं, Monsoon के दिखने लगे शुरुआती संकेत

13 से 15 मई 2025 के बीच दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 12 मई 2025 (08:54 IST)
Weather Update: पिछले दिनों देश के अनेक राज्यों में तेज अंधड़ के साथ बारिश हुई थी। अब मौसम फिर बदल गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार लेकिन अब दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में गर्मी बढ़ने के साथ धूलभरी हवाएं चलने का अंदेशा है। दूसरी ओर उत्तरप्रदेश के पश्चिमी भाग में बारिश से राहत मिलेगी जबकि पूर्वी भाग में लू का प्रकोप रहेगा। बिहार में भी लू की स्थिति बनी रहेगी। आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून (monsoon) अंडमान सागर जल्द पहुंचेगा और इसके शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं।
 
उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदलेगा : आईएमडी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में फिर एक बार मौसम का मिजाज बदलने वाला है। पिछले कई दिनों से बारिश की वजह से जहां गर्मी से राहत थी वहीं अब फिर लू का प्रकोप देखने को मिलेगा। इस बीच आईएमडी ने आज के लिए मौसम का ताजा पूर्वानुमान जारी किया है। पूर्वी भारत में हीटवेव का नया दौर शुरू हो चुका है जबकि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में गरज के साथ बारिश और तेज हवाएं गर्मी से कुछ राहत दे सकती हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली की संभावना जताई गई है। जानिए आज कहां कैसा मौसम रहेगा।ALSO READ: Weather Update: बारिश के बाद एक बार फिर से बढ़ेगी गर्मी, जानें दिल्ली एनसीआर समेत पूरे देश का मौसम
 
दिल्ली-एनसीआर में बदलेगा मौसम : दिल्ली-एनसीआर में आज सोमवार को मौसम गर्म और शुष्क रहेगा लेकिन हल्की बारिश और तेज हवाओं की संभावना है, जो तापमान को कुछ कम कर सकती है। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
 
उत्तरप्रदेश और बिहार का मौसम : उत्तरप्रदेश में मौसम का मिजाज क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग रहेगा। पश्चिमी उत्तरप्रदेश में हल्की बारिश और तेज हवाएं राहत दे सकती हैं जबकि पूर्वी उत्तरप्रदेश में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। बिहार में लू की स्थिति बनी रहेगी। अधिकतम तापमान 40-43 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। पटना में तापमान 42 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है जबकि न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रहेगा।
 
मध्यप्रदेश और राजस्थान का मौसम : मध्यभारत के राज्यों विशेष रूप से मध्यप्रदेश में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं होने की संभावना है। भोपाल में अधिकतम तापमान 39 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री रह सकता है। मौसम विभाग ने बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की है। राजस्थान में मौसम शुष्क और गर्म रहेगा। जयपुर में अधिकतम तापमान 42 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री रहने का अनुमान है। कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और तेज हवाएं राहत दे सकती हैं। मौसम विभाग ने धूलभरी हवाओं की चेतावनी दी है जिससे दृश्यता प्रभावित हो सकती है।
 
गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल का मौसम : गुजरात में गरज के साथ हल्की बारिश और तेज हवाएं होने की संभावना है। अहमदाबाद में अधिकतम तापमान 41 डिग्री और न्यूनतम 28 डिग्री रह सकता है। हवा में नमी के कारण दिन में असुविधा हो सकती है। महाराष्ट्र में भी हल्की बारिश और तेज हवाओं का अनुमान है। मुंबई में अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री रहने की संभावना है। पुणे में मौसम अपेक्षाकृत ठंडा रहेगा, जहां अधिकतम तापमान 36 डिग्री रह सकता है। पश्चिम बंगाल खासकर उत्तरी क्षेत्रों में लू का प्रभाव जारी रहेगा। कोलकाता में अधिकतम तापमान 40 डिग्री और न्यूनतम 28 डिग्री रहने की संभावना है।ALSO READ: Weather Update: दिल्ली NCR में हल्की बारिश की संभावना, देशभर के कई राज्यों में भीषण गर्मी का दौर जारी
 
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दक्षिण-पश्चिम Monsoon जल्द पहुंचेगा अंडमान सागर, दिखने लगे शुरुआती संकेत : स्काईमेट वेदर (skymetweather) के अनुसार हर साल मई की शुरुआत में ही दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। यह वार्षिक मौसमी प्रक्रिया पूरी दुनिया के बड़े हिस्सों को भिगोती है, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप पर इसका असर सबसे खास होता है। भारत में मानसून आमतौर पर जून की शुरुआत में दस्तक देता है और अगले 3-4 हफ्तों में पूरे देश में फैल जाता है। कभी-कभी यह देर से आता है और सबको इंतजार कराता है तो कभी सैन्य अनुशासन की तरह समय पर पहुंचकर राहत और खुशी का कारण बनता है।
 
क्रॉस इक्वेटोरियल फ्लो से शुरू होता है मानसून मानसून के प्रवेश के लिए भूमध्य रेखा (equator) के आर-पार हवाओं का बहाव यानी क्रॉस इक्वेटोरियल फ्लो बनना जरूरी होता है। इसका मतलब है कि भूमध्य रेखा के पास पूर्वी व्यापारिक हवाएं तेज होती हैं, जो भूमध्य रेखा को पार कर दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के रूप में अंडमान सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं। यही हवाएं मानसून के आगमन की शुरुआत करती हैं। इसके बाद मानसून तेज गति से आगे बढ़ सकता है या कभी-कभी धीमा होकर सबको चिंतित भी कर सकता है।ALSO READ: Weather Update: भीषण गर्मी से मिलेगी राहत, IMD ने जारी किया प्री मानसून का अलर्ट
 
मानसून का संभावित समय और रास्ता : दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में मानसून सामान्यत: 15 से 20 मई के बीच (±5 दिन) पहुंचता है। पिछले वर्ष 2024 में यह 19 मई को आया था। इसके बाद यह 22 मई तक उत्तर अंडमान सागर और मध्य बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करता है। जब मानसून श्रीलंका तक पहुंचता है तो यह 26 मई तक आंतरिक हिस्सों में घुसपैठ करता है। अगला ठिकाना केरल होता है, जहां मानसून का आगमन आमतौर पर 1 जून के आसपास होता है जिसमें ±7 दिन की भिन्नता हो सकती है।
 
±5 दिन का मतलब है 'प्लस-माइनस 5 दिन' यानी 5 दिन पहले या 5 दिन बाद तक की संभावना। उदाहरण के तौर पर अगर कहा जाए कि 'मानसून 15 मई तक अंडमान सागर में पहुंच सकता है (±5 दिन)' तो इसका मतलब है कि मानसून 10 मई से लेकर 20 मई के बीच कभी भी पहुंच सकता है। यह तरीका मौसम या अन्य वैज्ञानिक भविष्यवाणियों में समय की अनिश्चितता (uncertainty) को दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ±7 दिन इसी स्थिति को दर्शाता है।
 
इस वर्ष मानसून के अनुकूल बन रहे हैं हालात : 13 से 15 मई 2025 के बीच दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं। इस क्षेत्र में मई के मध्य तक कोई शक्तिशाली मौसमी प्रणाली नहीं बन रही है, लेकिन थाईलैंड के आंतरिक हिस्सों में एक हल्की चक्रवातीय प्रणाली विकसित हो रही है। यह प्रणाली 12 मई के आसपास अराकान तट के पास मार्टबान की खाड़ी होते हुए बंगाल की खाड़ी के पूर्वी हिस्से में प्रवेश कर सकती है। इससे दक्षिण बंगाल की खाड़ी में इक्वेटोरियल फ्लो तेज होगा।
 
भारी बारिश के साथ अंडमान में मानसून की दस्तक : तेज दक्षिण-पश्चिमी हवाएं 12 से 15 मई 2025 के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश ला सकती हैं। यह बदलाव मानसून के अंडमान सागर और निकोबार द्वीपों में आगमन का संकेत हो सकता है, जो कि संभवत: 14–15 मई के बीच हो सकता है। शुरुआती आगमन का आगे के प्रभाव से नहीं होता संबंध यह ध्यान रखना जरूरी है कि मानसून का अंडमान में शुरुआती आगमन बंगाल की खाड़ी या भारत के अन्य हिस्सों में इसकी आगे की प्रगति से सीधे जुड़ा नहीं होता यानी जल्दी शुरुआत का यह मतलब नहीं कि पूरे भारत में भी मानसून समय से पहले या तेजी से पहुंचेगा।(Photo courtesy: IMD)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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