Man urinate on sheikh mujibar rahman: बांग्लादेश में आरक्षण के विवाद को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब बेकाबू हो गया है। देश के हालात पूरी तरह से बिगड़ गए हैं। पीएम पद से शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और वे भारत चलीं आई। इस बीच लगातार प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ रही हैं।
हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कल बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति का सिर का हिस्सा हथौड़े से तोड़ दिया है। उनकी मुर्तियों को बुल्डोजर और जेसीबी से ढहाया गया था। आज दूसरे दिन उनकी मूर्ति पर एक शख्स ने चढ़कर पैशाब किया।
देश के नायक पर पैशाब : यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति पर चढे हुए हैं, उनमें से एक शख्स अपनी पेंट की जिब खोलकर मूर्ति पर पैशाब कर रहा है। बता दें कि बांगलादेश में शेख मुजीबुर रहमान का वही दर्जा है जो भारत में राष्ट्रपति महात्मा गांधी का है।
बांग्लादेशी संसद से जो दृश्य सामने आए उनमें लूटपाट और आगजनी साफ नजर आई। संसद और पीएमओ में रखी तस्वीरें तोड़ दी गईं। वहां रखे सोफा, कुर्सियां, पलंग, फर्नीचर, बिस्तर, पंखे, टीवी, गमले लूट लिए गए। गण भवन यानी बांग्लादेश के पीएमओ में लोग बिस्तर पर लेटकर सेल्फी और वीडियो बनाने लगे। यहां तक कि संसद में संरक्षित जानवर जैसे खरगोश, बतख और अन्य जानवरों को भी लोग लूट ले गए। बेशर्मी की हद तो तब हुई जब शेख हसीना के सरकारी बंगले से उनकी साड़ियां, ब्लाउज और यहां तक कि ब्रा और दूसरा सामान लोग लूटकर ले जाते नजर आए। कुछ तो पीएम हाउस के किचन में तैयार रखा चिकन और खाना खाते दिखे।
पहले तोड़ी मुजीबुर रहमान की मूर्ति : शेख मुजीबुर रहमान वो नायक थे, जिसने 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी। उन्हें वहां राष्ट्रपिता की पदवी दी गई थी। ठीक वही जो भारत में महात्मा गांधी को मिली। लेकिन महज 5 दशक के भीतर वहां कट्टरपंथ इतना हावी हो गया कि ढाका में बांग्लादेश के लोग ही शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति पर चढ़ गए और उसे हथौड़े से तोड़ने लगे। उन्हें जेसीबी और बुलडोजर से तोड़ दिया। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बांग्लादेश के संस्थापक और बंग बंधु कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान से इतनी नफरत हो गई।
Edited by Navin Rangiyal