नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को भारत लाने की कोशिशें सफल होती नजर आ रही हैं। मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर 3 जून को फैसला हो सकता है। डोमिनिका की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी चोकसी के भारत भेजे जाने को लेकर बुधवार को सुनवाई स्थगित कर दी।
डोमिनिका की सरकार ने वहां की एक अदालत से कारोबारी मेहुल चोकसी की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करने का आग्रह किया है। स्थानीय मीडया ने यह खबर दी। चोकसी ने दावा किया था कि उसे अपहरण कर जबरन कैरीबियाई द्वीप देश में लाया गया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार डोमिनिका के उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि कारोबारी को देश में अवैध रूप से घुसने के आरोपों का जवाब देने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाए। उच्च न्यायालय ने गुरुवार तक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
चोकसी की दलीलें खारिज करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका टिकती नहीं है क्योंकि आरोपी अवैध रूप से देश में घुसा और उसे बाद में उसे हिरासत में ले लिया गया। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित है।
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि जिस विषय की सुनवाई की जा रही है, वह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका है, न कि भारत में उसे प्रत्यर्पित करने का विषय। उसकी नागरिकता का विषय अदालत के सामने नहीं है। डोमिनिका के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई की।
चोकसी ने डोमिनिका-चाइना फ्रेंडशिप अस्पताल से सुनवाई में हिस्सा लिया जहां उसे हाल ही में भर्ती कराया गया था। न्यायाधीश ने प्रशासन को अदालती दस्तावेज चोकसी को उपलब्ध करने को कहा।
चोकसी के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल पुलिस हिरासत में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा और उसे एंटीगुआ एंड बारबुडा वापस भेज दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी सुरक्षा के लिए भुगतान करेगा। चोकसी के वकीलों ने अपने मुवक्किल के शरीर पर चोट के निशान और उसे अस्पताल में भर्ती कराने का मुद्दा भी उठाया। प्रतिकूल आदेश की स्थिति में चोकसी के पास ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प होगा।
चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था जहां वह 2018 से एक नागरिक के रूप में रह रहा है। उसे पड़ोसी डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने पर हिरासत में लिया गया था। उसे भारत लाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के एक उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों की एक टीम डोमिनिका गई है। (भाषा)