Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

150 फुट सिकुड़ गया चांद, इसलिए आ रहे हैं भूकंप

हमें फॉलो करें 150 फुट सिकुड़ गया चांद, इसलिए आ रहे हैं भूकंप
, बुधवार, 15 मई 2019 (07:27 IST)
वाशिंगटन। चंद्रमा अब लगातार सिकुड़ता जा रहा है। इससे उसकी सतह पर झुर्रियां पड़ रही हैं। इसी वजह से भूकंप भी आ रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को प्रकाशित नासा के लूनर रीकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) द्वारा कैद की गई 12,000 से अधिक तस्‍वीरों के विश्लेषण से सामने आई है। 
 
अध्‍ययन में पाया गया है कि चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव के पास चंद्र बेसिन 'मारे फ्रिगोरिस' में दरार पैदा हो रही है और जो अपनी जगह से खिसक भी रही है। ऊर्जा खोने की प्रक्रिया के कारण ही चंद्रमा पिछले लार्खों वर्षों से धीरे-धीरे लगभग 150 फुट तक सिकुड़ गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा में ऐसी गतिविधि ऊर्जा खोने की प्रक्रिया में 4.5 अरब साल पहले हुई थी। इसके कारण चंद्रमा की सतह झुर्रीदार हो जाती है। इस प्रक्रिया में चंद्रमा पर भूकंप आते हैं।
 
उल्लेखनीय है कि कई विशाल बेसिनों में से एक चंद्रमा का 'मारे फ्रिगोरिस' भूवैज्ञानिक नजरिये से मृत स्थल माना जाता है। जैसा की धरती के साथ है, चंद्रमा में कोई भी टैक्‍टोनिक प्‍लेट नहीं है। इस वजह से यहां की टैक्‍टोनिक गतिविधियों ने वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया है।
 
webdunia
उल्‍लेखनीय है कि सबसे पहले अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों ने 1960 और 1970 के दशक में चंद्रमा पर भूकंपीय गतिविधि को मापना शुरू किया था। उनका यह विश्‍लेषण नेचर जीओसाइंस में प्रकाशित हुआ था। इसमें चंद्रमा पर आने वाले भूकंपों का अध्‍ययन था।
चित्र सौजन्य : नासा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच तीसरा वनडे मैच बेहद रोमांचक स्थिति में