यांगून। म्यांमार में सुरक्षा बलों ने सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को रविवार को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया और गोलीबारी की। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बात की पुख्ता जानकारी है कि म्यांमार में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए है और 30 से अधिक घायल हुए है।
ऐसी खबरें हैं कि पुलिस ने म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में गोलियां चलाईं और प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तथा पानी की बौछार की। प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने एक बयान में म्यांमार के कई शहरों का जिक्र करते हुए कहा कि यांगून, दावेई, मांडले, म्यीक, बागो और पोकोक्कु में भीड़ पर गोलीबारी किए जाने से कई लोगों की मौत हुई है।
बयान में कार्यालय प्रवक्ता रविना शामदसानी के हवाले से कहा गया है कि हम म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं और सेना से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ बल का इस्तेमाल तुरंत बंद किए जाने का आह्वान करते है।
एसोसिएटेड प्रेस के एक पत्रकार को विरोध प्रदर्शनों की कवरेज करते हुए शनिवार सुबह पुलिस हिरासत में ले लिया गया। पत्रकार थीन ज़ॉ, पुलिस हिरासत में है।
डेमोक्रेटिक वॉयस ऑफ बर्मा (डीवीबी) की खबर के अनुसार म्यांमार में शाम 5 बजे तक नौ शहरों में 19 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि अन्य 10 मौतों की पुष्टि नहीं हुई है। डीवीबी के अनुसार यांगून में पांच लोगों और मांडले में दो लोगों की मौत हुई है।
स्थानीय मीडिया के खबर के अनुसार दावेई में पांच लोगों की मौत होने की खबर है। तीन लोगों की मौत विरोध मार्च के दौरान हुई है। सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं, जिनमें कारतूस के खोखे दिखाई दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर सामने आई खबरों में एक युवक की पहचान हुई है और ऐसा माना जा रहा है कि यह युवा यांगून में मारा गया है। तस्वीरों में उसका शव दिखाई दे रहा है। (भाषा)