यांगून/ ढाका। म्यांमार अपने यहां से फरार होकर बांग्लादेश आए रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या के हल के लिए बांग्लादेश से बातचीत शुरू करेगा।
म्यांमार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक अनुमान के मुताबिक करीब 65 हजार मुसलमान तीन महीने पहले राखिन राज्य पर हुए हमले के बाद म्यांमार से फरार होकर सीमा पार करके बांग्लादेश में आ गए थे।
म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने राज्यविहीन रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की समस्या के हल के लिए अपने एक विशेष दूत को इस सप्ताह बांग्लादेश भेजा है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने म्यांमार के उप विदेश मंत्री कयाव टिन से कहा है कि म्यांमार को बांग्लादेश में रह रहे सभी रोहिंग्या मुसलमानों को स्वीकार करना होगा।
उधर म्यांमार विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता अई अई सू ने कहा है कि दोनों देश जल्द ही 'पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया' पर चर्चा शुरु करेंगे। म्यांमार की प्रवक्ता ने कहा,'यदि ये शरणार्थी म्यांमार के पाए जाते हैं तो उचित समय पर इन्हें अपने देश लाया जाएगा।' उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बातचीत के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में शरण लिए रोहिंग्या मुसलमानों ने चौंकाने वाले खुलासे करते हुए कहा कि म्यांमार की पुलिस और सैनिक उनके साथ मारपीट करते है। इसके अलावा उनका यौन उत्पीड़न और न्यायेतर हत्या करते हैं। शरणार्थियों का कहना है कि पुलिस ने मनमाने ढंग से ग्रामीणों को गिरफ्तार किया और उनके घरों में आग लगा दी। (वार्ता)