नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लगातार भारत विरोधी बयानों के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर 30 मिनट तक बातचीत हुई। इस बातचीत में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख था। मोदी ने साफ किया कि पाकिस्तान द्वारा हिंसा भड़काने वाली भाषा शांति के अनुकूल नहीं है।
सनद रहे कि जबसे जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किया है, तब से ही पाकिस्तान की तरफ से लगातार जहर उगला जा रहा है और कश्मीरियों को भड़काए जाने वाले बयान सामने आ रहे हैं। इसमें इमरान से लेकर पाकिस्तान का मीडिया भी शामिल है।
मोदी ने आतंकवाद एवं हिंसामुक्त माहौल बनाने और सीमापार से आतंकवाद पर रोक लगाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में कुछ नेताओं द्वारा भारत के विरुद्ध हिंसा के लिए भड़काना शांति के अनुकूल नहीं है।
मोदी और ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बातचीत सौहार्दपूर्ण तरीके से बेहद सकारात्मक और गर्मजोशी से भरपूर रही। मोदी ने अपनी बातचीत में गरीबी, अशिक्षा और बीमारी से लड़ने में इस मार्ग पर चलने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ सहयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।
मोदी ने अफगानिस्तान की आजादी के 100 पूरे होने के अवसर का स्मरण करते हुए भारत की एकजुट, सुरक्षित, लोकतांत्रिक और वास्तव में स्वतंत्र अफगानिस्तान के लिए काम करने की लंबी और अटूट प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
अमेरिकी राष्ट्रपति से हुई बातचीच में मोदी ने उम्मीद जताई कि भारत के वाणिज्य मंत्री और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि आपसी लाभ के लिए द्विपक्षीय व्यापार संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए शीघ्र ही बैठक करेंगे।