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रक्षा एवं आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाएंगे भारत-सिंगापुर, प्रधानमंत्री ली से मिले मोदी

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, शुक्रवार, 1 जून 2018 (16:49 IST)
सिंगापुर। भारत एवं सिंगापुर ने नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक सहयोग और आतंकवाद के मुकाबले के लिए साइबर सुरक्षा सहयोग सहित सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए और समग्र आर्थिक सहयोग समझौते की दूसरी समीक्षा पूरी करके इसके उन्नयन की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के बीच आज यहां हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये समझौते किए गए।


बैठक के बाद मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अपनी सामरिक साझेदारी में रक्षा और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया है। हम इन संबंधों में लगातार वृद्धि का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, सिम्बैक्स के 25वें वर्ष पर मैं भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं को बधाई देता हूं। शीघ्र ही हम त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास भी शीघ्र शुरू करेंगे। बार-बार होने वाले अभ्यासों तथा नौसैनिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक समझौता संपन्न होने का भी मैं स्वागत करता हूं।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में साइबर सुरक्षा तथा अतिवाद एवं आतंकवाद से निपटना हमारे सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र होंगे। हम इन्हें अपने देशों के लिए सबसे बड़े खतरों में मानते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर अपनी चिंताओं को साझा किया। दोनों ने समुद्री सुरक्षा पर अपने सैद्धांतिक विचारों की पुनः पुष्टि की है और नियम आधारित व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।

मोदी ने कहा कि भारत-सिंगापुर के संबंध सच्चे अर्थों में सामरिक साझेदारी की कसौटी पर खरे उतरते हैं। हमारे संबंधों में कोई असहजता नहीं बल्कि केवल गर्मजोशी, सौहार्द और विश्वास है। उन्होंने कहा कि आज की हमारी बातचीत में दोनों ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की और भविष्य के रोडमैप के बारे में चर्चा की। हमने खुली, स्थिर और उचित अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने की जरूरत पर भी सहमति व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विशेष रूप से हमारे समग्र आर्थिक सहयोग समझौते की दूसरे समीक्षा के पूरा होने पर प्रसन्नता है, लेकिन हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि यह हमारी मंज़िल नहीं है बल्कि एक पड़ाव मात्र है। हमारे अधिकारी शीघ्र ही इस समझौते को और उन्नत बनाने और सुधारने के लिए चर्चा शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, हमने भारत के 115 आकांक्षी जिलों में पानी के लिए नई पहल की शुरुआत देखी है। आज और कल हमने जो करार किए हैं, वे इस सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाएंगे। ये ग्रामीण क्षेत्रों सहित भारत के युवाओं को अंततः लाभ पहुंचाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारत के लिए सिंगापुर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और भारत से विदेशों में होने वाले निवेश के लिए हमारा शीर्ष गंतव्य है। मुझे प्रसन्नता है कि भारतीय कंपनियां सिंगापुर का उपयोग आसियान क्षेत्र एवं अन्य देशों के लिए स्प्रिंग बोर्ड के रूप में करती हैं। उन्होंने कहा कि सिंगापुर की कंपनियों का भारत में निवेश बढ़ रहा है। भारत की उन्नति सिंगापुर को उसके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतुलनीय अवसर प्रदान करती है। उन्हें कल शाम सिंगापुर की महत्वपूर्ण कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल बैठक में भारत के प्रति उनके विश्वास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई।

मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच हवाई यातयात तेजी से बढ़ रहा है। दोनों पक्ष शीघ्र ही द्विपक्षीय वायु सेवा समझौते की समीक्षा शुरू करेंगे। उन्होंने दोनों देशों के बीच डिजीटल साझेदारी के शुरू होने से प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह असीमित संभावनाओं के साथ प्राकृतिक भागीदारी का क्षेत्र है। रूपे, भीम और भीम और यूपीआई आधारित भुगतान ऐप का सिंगापुर में कल शाम अंतरराष्ट्रीय लांच डिजीटल इंडिया तथा हमारी भागीदारी की नवीनता की भावना को दर्शाता है। डिजिटल इंडिया के तहत भारत में हम एक डेटा सेंटर नीति बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आज नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अनेक समझौते होते हुए देखेंगे जो उच्च शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवान्वेषण में हमारे सहयोग को और बढ़ाएंगे। कौशल विकास, योजना और शहरी विकास के क्षेत्रों में हमारे सहयोग में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने आसियान के नेतृत्व वाले संस्थानों के माध्यम सहित आसियान एकता के महत्व, उसकी केंद्रीयता एवं क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया है।

उन्होंने कहा, मैंने क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझीदारी (आरसेप) समझौते के शीघ्र होने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता के बारे में भी बात की है तथा उचित, संतुलित तथा व्यापक समझौता होने की आशा व्यक्त की। मोदी ने प्रधानमंत्री ली और उनकी पूरी टीम को सफलतापूर्वक नेतृत्व परिवर्तन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं और विश्वास जताया कि सिंगापुर के नए नेता अपनी शानदार विरासत को जारी रखेंगे और इस महान देश को जनसेवा की उसी भावना तथा परंपरा के साथ आगे ले जाएंगे। उन्होंने उनके आतिथ्य सत्कार तथा भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रति उनकी सतत चेष्टा के लिए प्रधानमंत्री ली का आभार प्रकट किया।

बैठक में हुए समझौतों में नौसैनिक पोतों, पनडुब्बियों एवं नौसैनिक विमानों के एक-दूसरे के यहां आवागमन, समन्वय, लॉजिस्टिक एवं सर्विस सपोर्ट के करार पर क्रियान्वयन समझौता, साइबर सुरक्षा को लेकर दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों के बीच करार, मादक द्रव्य नशीले पदार्थ की तस्करी और उनके तस्करों से मुकाबले को लेकर भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और सिंगापुर के सेन्ट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के बीच सहयोग संबंधी करार, कार्मिक प्रबंधन एवं लोकप्रशासन के क्षेत्र में सहयोग को लेकर करार, भारत एवं सिंगापुर के बीच फिनटेक पर एक संयुक्त कार्यसमूह के गठन को लेकर करार, योजना के क्षेत्र में नीति आयोग और सिंगापुर सहयोग उद्यम के बीच करार शामिल हैं। इसके अलावा नर्सिंग पर समझौते की साझा मान्यता की घोषणा तथा व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीका) की दूसरी समीक्षा के समापन पर संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। (वार्ता)

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