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प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे ईरान, महत्वपूर्ण समझौते पर होंगे हस्ताक्षर

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तेहरान , सोमवार, 23 मई 2016 (00:39 IST)
तेहरान। ईरान के साथ व्यापार, निवेश व ऊर्जा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचे। उनकी इस यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
मोदी ने ट्वीट किया, 'ईरान पहुंच गया हूं, वह जमीन जिसका भारत के साथ सभ्यता का संबंध है। हमारे देशों के बीच आर्थिक भागीदारी प्रगाढ़ होने की उम्मीद है। मुझे यह भी उम्मीद है कि मेरे ईरान दौरे से भारत और ईरान के बीच सांस्कृतिक और लोगों का आपसी संबंध और प्रगाढ़ होगा।’
 
मोदी बीते 15 साल में ईरान की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। यहां मेहराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ईरान के वित्त व आर्थिक मामलों के मंत्री अली तायेबनिया ने मोदी की अगवानी की। मोदी यहां से एक स्थानीय गुरद्वारे के लिए रवाना हो गए जहां वे भारतीय मूल के लोगों से मिले।
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ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मोदी की औपचारिक बैठक कल सुबह होनी है। इससे पहले मोदी का रस्मी स्वागत किया जाएगा। रूहानी मेजबान प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज भी आयोजित करेंगे। मोदी इस यात्रा के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेइ से भी मिलेंगे।
 
ऊर्जा संपन्न ईरान की अपनी पहली यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि उनकी इस खाड़ी देश की यात्रा का मकसद उसके साथ संपर्क, व्यापार, निवेश तथा उर्जा भागीदारी को मजबूत करना है। मोदी ने अपनी यात्रा से पहले ट्वीटर पर कई संदेशों के जरिये कहा कि कनेक्टिविटी बढ़ाना, व्यापार, निवेश, ऊर्जा भागीदारी, संस्कृति तथा लोगों का लोगों के साथ संपर्क हमारी प्राथमिकता है।
 
मोदी ने कहा कि रूहानी तथा ईरान के शीर्ष नेता के साथ उनकी बैठकों से ‘हमारी रणनीतिक भागीदारी’को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति रूहानी तथा ईरान के सम्मानित शीर्ष नेता के साथ हमें रणनीतिक भागीदारी को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा।’
 
चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर के साथ साथ भारत-ईरान से तेल आयात दोगुना करने की भी सोच रहा है। कुछ साल पहले ईरान उसका दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था। इसके साथ ही वह ईरान में एक विशाल गैस क्षेत्र के विकास के लिए अधिकार हासिल करना चाहता है। चाबहार बंदरगाह पर हस्ताक्षर के समय भारत के सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहेंगे।
 
चाबहार दक्षिण-पूर्व ईरान का बंदरगाह का है। इसके जरिये भारत को पाकिस्तान के बाहर बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का रास्ता बना सकेगा। अफगानिस्तान के साथ भारत के नजदीकी सुरक्षा और आर्थिक संबंध हैं।
 
प्रतिबंध हटने के बाद ईरान में राजनयिक और व्यावसायिक गतिविधियों में काफी तेजी आई है। चीन और रूस के नेता तेहरान जा चुके हैं। मोदी से पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ईरान यात्रा पर जा चुके हैं।
 
मोदी ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी इस यात्रा के दौरान चाबहार पर करार पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ' भारत और ईरान के बीच सभ्यताकालीन संबंध हैं और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता तथा समृद्धि के लिए दोनों के साझा हित हैं।'  मोदी ने ईरान की राजधानी शहर में एकमात्र गुरुद्वारा में मत्था टेकने के साथ ऊर्जा संपन्न देश की दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत की।
 
वह भारत और ईरानी संबंधों के ‘पुनरावलोकन और संभावना’पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भी शुभारंभ करेंगे। मोदी ने कहा, 'मैं राष्ट्रपति रूहानी के आमंत्रण पर आज और कल अपनी ईरान यात्रा को लेकर उत्साहित हूं।'  
 
मोदी ने दो दिवसीय ईरान यात्रा पर यहां पहुंचने से पहले ईरान की संवाद समिति इरना से बातचीत में कहा, 'कठिन दौर में भी भारत व ईरान ने हमेशा अपने संबंधों को नयी मजबूती देने पर ध्यान दिया है। मौजूदा परिदृश्य में दोनों देश व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, बुनियादी ढांचा व ऊर्जा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढाने पर विचार कर सकते हैं।’
 
उन्होंने कहा कि भारत की सार्वजनिक व निजी कंपनियां ईरान में निवेश की इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर होने से व्यापक संपर्क :कनेक्टिविटी: की सुविधा बनेगी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ईरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के समाप्त होने से दोनों देशों के लिए विशेषकर आर्थिक मोर्चे पर :सहयोग के: असीमित अवसरों के द्वार खुले हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत फारस की खाड़ी स्थित इस देश में अपना निवेश बढाना चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत भी तेल सम्पन्न ईरान से अपने यहां पूंजी व निवेश का स्वागत करता है।’ 
 
शीर्ष ईरानी नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के एजेंडे के बारे में मोदी ने कहा, ‘ईरान हमारे विस्तारित पड़ोस का हिस्सा है, क्षेत्र का महत्वपूर्ण देश है और भारत के सबसे मूल्यवान भागीदारों में से एक है। हम साझी विरासत तथा स5यता संबंधों के जरिए एक दूसरे से जुड़े हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्षेत्र की शांति, स्थिरता व संपन्नता में भारत के ‘साझा हित’ हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद व चरमपंथी विचारधारों के खतरे से लड़ना दोनों देशों के लिए समान चुनौती है। (भाषा) 

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