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भारत में निवेश की अपार संभावनाएं, आओ निवेश करो...

हमें फॉलो करें भारत में निवेश की अपार संभावनाएं, आओ निवेश करो...
, शुक्रवार, 2 जून 2017 (17:50 IST)
सेंट पीटर्सबर्ग (रूस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पेरिस जलवायु समझौते के तहत कार्बन उत्सर्जन में कटौती की भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी। मोदी ने वैश्विक उद्योगों को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उनके लिए ‘अनंत अवसर हैं।’ एक आर्थिक मंच में मोदी के संबोधन एवं उसके बाद सवाल जवाब सत्र में उनकी बात पर कई बार तालियां बजीं। उन्होंने इस दौरान कई मुद्दों पर अपनी बात रखी, जिसमें चीन के साथ संबंध, आतंकवाद, डोनाल्ड ट्रंप, वेद और युवा शक्ति शामिल थे।

मोदी एक मंच संचालक के इस सवाल को बड़ी चालाकी से टाल गए कि क्या वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस दावे में यकीन करते हैं कि रूस हैकिंग के जरिए अमेरिकी चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में शामिल नहीं था। मोदी ने कहा, ‘आप (अमेरिकी) राष्ट्रपति ट्रंप, हिलेरी क्लिंटन, (जर्मन) चांसलर मर्केल और रूसी: राष्ट्रपति पुतिन के बारे में विस्तार से बात कर रहे थे। ऐसे बड़े नेताओं के बीच, मुझे नहीं लगता कि आपको मेरे जैसे किसी वकील की जरूरत होगी।’
 
मोदी के इस जवाब पर ‘सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम’ में मौजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ में हंसी फूट पड़ी और लोगों ने तालियां बजाईं। इस कार्यक्रम में पुतिन भी उपस्थित थे जो मोदी के बगल में ही बैठे थे।
 
इस कार्यक्रम का आयोजन सेंट पीटर्सबर्ग के बाहरी क्षेत्र स्थित एक कॉन्फ्रेंस सेंटर में हुआ। सेंट पीटर्सबर्ग रूस का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और पुतिन का गृहनगर भी है। कल मोदी और पुतिन एक सम्मेलन में शामिल हुए थे और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे। इनमें रूस की मदद से तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के दो और रिएक्टरों के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता भी शामिल था।
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हैकिंग को लेकर मोदी ने जब जवाब दिया वह एकमात्र ऐसा पल था जब उनके रूख में थोड़ा हल्का फुल्का अंदाज दिखा। मोदी ने इसके अलावा निवेश को लेकर काफी जोर दिया। वहीं पुतिन ने कई जटिल मुद्दों पर संक्षिप्त उत्तर दिए, जिसमें सीरिया, ट्रंप के साथ उनके संबंध, सीरियाई नेता बशर असद के लिए उनका सहयोग, रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और रूस में बढ़ती आय असमानता शामिल है। 
 
मोदी ने इसको लेकर भी एक सवाल को टाल गए जिसमें पूछा गया था कि पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से हटने के ट्रंप के निर्णय के बाद वह किस ओर खड़े हैं। मोदी ने अपने जवाब में वेदों को उद्धृत किया और कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना एक अपराध है और प्रकृति से लाभ उठाना मानव का अधिकार है। उन्होंने कहा, मैंने सामान्य तरीकों से एक नए भारत का सपना वर्णित किया है। मैंने यह कहने के लिए पांच हजार वर्ष पुराने वेदों से उद्धृत किया है कि प्रकृति से लाभ उठाना मानव का अधिकार है लेकिन उसे उसका दोहन करने का कोई अधिकार नहीं है।
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मोदी ने कहा कि उनसे इसी तरह का एक सवाल इस सप्ताह के शुरू में जर्मनी में पूछा गया था जब अमेरिका का रूख सार्वजनिक नहीं हुआ था। उस समय मोदी ने जवाब दिया था, पेरिस समझौता, या कोई पेरिस समझौता नहीं, यह हमारी धारणा है कि भविष्य की पीढ़ी से एक स्वच्छ एवं सुंदर धरती का उसका अधिकार छीनने का हमें कोई अधिकार नहीं है।
 
यद्यपि मोदी का इससे पहले का संबोधन लगभग पूरी तरह से विदेशी निवेश आकर्षित करने को लेकर था। उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि 120 करोड़ लोगों का बाजार कृषि से लेकर रक्षा तक आपार मौके मुहैया कराता है। इसमें राजनीतिक स्थिरता और ‘जीवंत’ न्यायिक व्यवस्था का संरक्षण हासिल है।
 
मोदी ने कहा, भारत में सीमाएं अनंत हैं। आप व्यापार करने के लिए किसी भी क्षेत्र में उतर सकते हैं। मोदी एसपीआईईएफ मंच में हिस्सा लेने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। इस सम्मेलन का आयोजन सेंट पीटर्सबर्ग में वार्षिक रूप से होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण की दिशा में उनकी सरकार की यात्रा आधारभूत ढांचे, कृषि, उत्पादन और सेवाओं में निवेश पर आधारित है।
 
उन्होंने कहा, 50 शहरों को मेट्रो की जरूरत है, 500 शहरों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं पेयजल की जरूरत है। इसके अलावा भारत में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इसे विस्तारित करने, प्रौद्योगिकी रूप से उन्नयन की जरूरत है ताकि उसे सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 2500 किलोमीटर गंगा को निर्मल करने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सभी निवेश की अपार संभावनाएं मुहैया कराता है।
 
बाजार रक्षा उत्पादन, पर्यटन, अतिथि सत्कार और चिकित्सकीय उपकरणों के लिए खुला है। उन्होंने कहा, मैं सभी को आमंत्रित करता हूं। 1.2 अरब लोगों का देश विश्व को आमंत्रित करता है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता आप सभी को आमंत्रित करती है। उन्होंने कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद गत तीन वर्षों  में भारत ने 160 अरब डॉलर विदेशी निवेश आकर्षित किया है जिसमें गत वित्त वर्ष में 60 अरब डॉलर शामिल है जो कि अब तक सबसे अधिक है।


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