केप केनवरल (अमेरिका)। ग्रीष्म काल 2020 का तीसरा और अंतिम अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर जाने को तैयार है। नासा कार के आकार का 6 पहियों वाला रोवर भेजेगा जिसका नाम 'पर्सवीरन्स' है, जो ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाएगा जिनका अगले एक दशक में विश्लेषण किया जाएगा।
चीन और संयुक्त अरब अमीरात मानवरहित अंतरिक्ष यानों को लाल ग्रह पर भेज चुके हैं। अब तक के सबसे व्यापक प्रयास में सूक्ष्म जीवों के जीवन के निशान तलाशने और भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संभावनाओं की तलाश की जाएगी।
सबसे पहले यूएई के अंतरिक्ष यान 'अमल' ने जापान से उड़ान भरी थी। इसके बाद चीन का एक रोवर और ऑर्बिटर मंगल पर भेजा गया, इस मिशन का नाम 'तियानवेन-1 है।
प्रत्येक अंतरिक्ष यान को अगले फरवरी में मंगल तक पहुंचने से पहले 48.30 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी होगी। इस अभूतपूर्व प्रयास में कई प्रक्षेपण और अंतरिक्ष यान शामिल होंगे, जिसकी लागत आठ अरब डॉलर है।
नासा प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टाइन ने कहा, हमें नहीं पता की वहां जीवन है या नहीं। लेकिन हम यह जानते हैं कि इतिहास में एक समय था जब मंगल रहने योग्य था।केवल अमेरिका मंगल तक अपना अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक पहुंचा पाया है।
वह 1976 में वाइकिंग्स से शुरुआत करके आठ बार ऐसा कर चुका है। नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं। छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं। इनमें से तीन अमेरिका, दो यूरोप और एक भारत का है।(भाषा)