बुखारेस्ट। क्रीमिया पर 2014 में रूस के कब्जे और पूर्वी क्षेत्र तथा काला सागर में उसकी बढ़ती मौजूदगी पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन- नाटो ने रोमानिया में बहुराष्ट्रीय सेना की तैनाती की योजना बनाई है।
इस समय रोमानिया में 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और अब नाटों के 10 सदस्य देशों जिनमें इटली, कनाडा और रोमानिया भी शामिल हैं, से कुछ सैनिकों को लेकर एक छोटी टुकड़ी का गठन किया जाएगा। इन सैनिकों की तैनाती जल, थल और आकाश में की जाएगी।
रोमानिया के राष्ट्रपति क्लाउस आयोहानिस ने नाटो संसदीय असेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा मकसद लड़ाई नहीं, बल्कि शांति है और हम रूस के लिए कोई चुनौती भी नहीं हैं।
रूस का आरोप है कि नाटो उसे घेरना चाहता है और वह पूर्वी यूरोप में स्थायित्व के लिए खतरा बन रहा है जबकि नाटो इसका खंडन करता है। काला सागर क्षेत्र में रोमानिया, बुल्गारिया और तुर्की नाटो के सदस्य देश हैं और जार्जिया तथा यूक्रेन इसमें शामिल होने के इच्छुक हैं।
सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि नाटो सेनाओं का मकसद काला सागर क्षेत्र में अपने सहयोगियों की उपस्थिति दिखाना है। यह क्षेत्र तेल और गैस के लिहाज से काफी सम्पन्न है और रूस का मकसद इसे बफर जोन बनाना है।
रूस ने दक्षिण जार्जिया के ओसेटिया क्षेत्र में 2008 में अपने सैनिक भेजे थे और 2014 में पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों की मदद की थी। इसके बाद क्रीमिया के विलय पर अन्य देशों ने इसे शीत युद्ध की नई पहल के रूप में लिया था। (वार्ता)