सोल। परमाणु शक्ति सम्पन्न उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अमेरिका के नेता में समझ का अभाव है और दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति में उसने अमेरिकी क्षेत्र गुआम की दिशा में मिसाइलों की फौज भेजने की योजना की चेतावनी दी।
अमेरिकी सेना के गढ़ रहे द्वीप को निशाना बनाने की योजना एक गंभीर चेतावनी का संकेत प्रतीत होता है, जैसा कि उत्तर कोरिया के नेता ने भी कहा कि अमेरिका के नेता पर केवल निरंकुश बल प्रयोग ही प्रभावी होगा।
उत्तर कोरिया की यह घोषणा ट्रंप के ट्विटर पर किए गए उस पोस्ट के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका का परमाणु शस्त्रागार पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत और अधिक शक्तिशाली हो गया है।
इससे पहले ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग के खिलाफ बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया के नेता अपने हथियारों को लेकर बयानबाजी उधार लेकर कर रहे हैं और उत्तर कोरिया के खिलाफ इतने बम बरसाये जायेंगे जो दुनिया ने इससे पहले कभी नहीं देखा होगा।
उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल हमलों को लेकर वाकयुद्ध ने आशंका बढ़ा दी है जिसके कोरियाई द्वीप और उससे परे गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पिछले महीने उत्तर कोरिया ने अमेरिका को भी अपनी जद में लेने में सक्षम दो अंतरमहाद्वीपी बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था।
उत्तर कारिया के आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार देश के मिसाइल बलों के कमांडर जनरल किम राक-ग्योम ने कहा, 'ट्रंप का आग के गोले बरसाने का बयान बचकाना है।' समझ के अभाव वाले ऐसे शख्स के साथ संवाद नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि सेना मध्य अगस्त तक गुआम योजना को पूरा कर लेगी और इसे विचार के लिए किम जोंग-उन के पास भेजा जाएगा।
जापान ने भी इससे पहले उत्तर कोरिया को चेतावनी दी थी कि अगर उसका एक भी मिसाइल उसके क्षेत्र पर हमला करता है तो वह उसके ऐसे उकसावे भरे कृत्य को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका तुरंत माकूल जवाब देगा। पश्चिमी प्रशांत द्वीप गुआम अमेरिका का सामरिक गढ़ है जो इसके लंबी दूरी के बमवर्षकों और सैन्य जेट एवं पनडुब्बियों का अड्डा है। (भाषा)