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सऊदी अरब के खिलाफ नहीं चलेगा मुकदमा, 9/11 विधेयक पर ओबामा का वीटो

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वाशिंगटन , शनिवार, 24 सितम्बर 2016 (08:34 IST)
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस विधेयक को लेकर वीटो का इस्तेमाल किया है जिसमें 9/11 हमलों के पीड़ितों के परिजनों को सऊदी अरब के खिलाफ मुकदमे की अनुमति दिए जाने की बात की गई है। राष्ट्रपति ने इस आशंका के कारण वीटो इस्तेमाल किया कि इस कदम का अमेरिका के राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
 
ओबामा ने कहा कि आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय (जेएएसटीए) अधिनियम को रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाली कांग्रेस के दोनों चैम्बरों ने पारित कर दिया था। इस विधेयक के पारित होने से संप्रभुता संबंधी पुराना अंतरराष्ट्रीय सिद्धांत खतरे में पड़ जाता और इससे अमेरिकी हितों एवं विदेश में रह रहे देश के नागरिकों पर बुरा प्रभाव पड़ता।
 
उन्होंने कहा कि यह विधेयक अमेरिकी ‘फॉरेन सोवरन इम्युनिटीज एक्ट’ के प्रावधानों एवं पुराने मानकों के अनुरूप नहीं है और इससे देश में सभी विदेशी सरकारों को मिली न्यायिक प्रक्रिया से छूट निजी वादियों के केवल इन आरोपों के आधार पर छिन जाती कि किसी विदेशी सरकार के देश से बाहर किए गए कार्यों का उस समूह या व्यक्ति से कोई संबंध या भूमिका है जिसने अमेरिका के भीतर आतंकवादी हमला किया। 

ओबामा ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से अधूरी सूचना के आधार पर निर्णय लिए जाएंगे और इससे विदेशी सरकारों की दोषसिद्धि एवं अमेरिका के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में उनकी भूमिका को लेकर विभिन्न अदालतों के विभिन्न निष्कर्षों पर पहुंचने का जोखिम पैदा होगा। 
 
उन्होंने कहा कि किसी आतंकवादी हमले के पीछे किसी विदेशी सरकार का हाथ हो सकने के संकेतों पर प्रतिक्रिया देना हमारे लिए न तो प्रभावशाली और न ही समन्वित तरीका है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस विधेयक के परिणामों पर चिंता जताते हुए कहा कि जेएएसटीए से संप्रभुता संबंधी छूट को लेकर पुराने अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों पर असर पड़ेगा। यदि यह वैश्विक स्तर पर लागू हो जाता है तो इसका देश के राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और इससे निकटतम साझेदारों के साथ हमारे संबंध भी जटिल हो सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि यदि जेएएसटीए को लागू कर दिया जाता है तो ऐसी संभावना है कि अदालतें अमेरिकी सहयोगियों एवं साझीदारों के खिलाफ लगाए गए मामूली अपराधों पर भी विचार करें।
 
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने अमेरिका के राष्ट्रपति के इस निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि ओबामा कांग्रेस के सदस्यों से नियमित बातचीत के बजाय इस विधेयक के अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ सकने वाले दीर्घकालीन परिणाम को लेकर चिंतित हैं।
 
अर्नेस्ट ने कहा कि यह वही राष्ट्रपति हैं जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के खात्मे के लिए अभियान चलाने का आदेश दिया था। यह वही राष्ट्रपति हैं जिन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के विरोध के बावजूद ग्राउंड जीरो में रिकवरी कर्मियों को स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने संबंधी विधेयक की बार-बार वकालत की है। 
 
उन्होंने कहा कि यह वही राष्ट्रपति हैं जिन्होंने 9/11 हमलों के देश पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बार-बार जोरदार तरीके से बात की है। विदेश मंत्री ने कहा कि यदि विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया जाता तो अमेरिकी सैनिकों एवं अमेरिकी राजनयिकों को उन मिथ्या आरोपों या दावों के तहत अदालत में लाए जाने की संभावना खुल जाती जिस पर अमेरिका को अहम संसाधन खर्च करने पड़ते और आगे बढ़कर उनकी रक्षा करने पड़ती।
 
उन्होंने कहा कि हम यह भी कहते हैं कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश से निपटने का अमेरिका के लिए सबसे प्रभावशाली तरीका यह है कि उनके खिलाफ प्रतिबंधों समेत उचित कदम उठाए जाएं, उन्हें अमेरिका और शेष वैश्विक समुदाय से अलग-थलग किया जाए। यह आतंकवाद को समर्थन देने से उन्हें रोकने का जबर्दस्त तरीका है। 
 
ओबामा के इस निर्णय की आलोचना करते हुए राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय विधेयक को लेकर राष्ट्रपति ओबामा का वीटो इस्तेमाल करने का निर्णय शर्मनाक है और यह उनके राष्ट्रपति काल के सबसे निचले बिंदुओं में से एक माना जाएगा। (भाषा)
 

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