कोलंबो। चक्रवात ओखी के चलते श्रीलंका में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। हालांकि यह चक्रवात श्रीलंका से शनिवार को आगे बढ़ गया। ओखी ने दक्षिण भारत में भारी तबाही मचाई है।
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात से देश के कई हिस्सों में तेज हवाओं और बारिश के चलते 77,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। तूफानी मौसम के चलते बिजली आपूर्ति, आवश्यक सेवाएं एवं हवाई यातायात बाधित हो गया। खराब मौसम के कारण कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और पेड़ जमीन से उखड़ गए।
पुलिस ने बताया कि 5 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट मिली है और बुधवार रात से बारिश एवं तूफान के चलते कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि दक्षिणी श्रीलंका के अम्बालांगोडा इलाके में सबसे अधिक 4 लोगों के मरने की रिपोर्ट मिली है। पुलिस के अनुसार अम्बालांगोडा में अस्थायी राहत शिविरों में करीब 4,000 लोग शरण लिए हुए हैं।
बुधवार को द्वीप देश में तेज हवाएं चलीं और लगातार बारिश हुई जिसके बाद इसने चक्रवात ओखी का रूप ले लिया। ओखी ने दक्षिण भारत के राज्यों- तमिलनाडु एवं केरल के कई हिस्सों में तबाही मचाई है जिसके कारण कई लोग हताहत हुए हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। श्रीलंका के मौसम विभाग ने शनिवार को घोषणा की कि ओखी अब द्वीप से करीब 850 किलोमीटर पश्चिम में है और अब वह इससे दूर जा रहा है।
एक बयान में विभाग ने कहा कि हालांकि देश पर इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम होने की संभावना है। विभाग ने कहा कि पश्चिमी सबारागामुआ एवं मध्य प्रांतों में शनिवार को बाद में भारी बारिश एवं गरज के साथ छींटे पड़ने जबकि रत्नापुरा, कलुथारा और गाले जिलों में तेज आंधियां चलने की आशंका है।
गुरुवार को संसद को संबोधित करते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे खराब मौसम के चलते प्रभावित हुए हर परिवार को आपात सहायता के तौर पर 10,000 रुपए की सहायता राशि दें। खराब मौसम के मद्देनजर सेना को राहत एवं बचाव अभियान के लिए लगाया गया है। (भाषा)