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पक्षियों की 232 प्रजातियों पर हुई स्‍टडी में खुलासा, कभी 90 फीसदी पक्षी वफादार थे, अब इंसानों की तरह कर रहे ब्रेकअप

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, शनिवार, 8 जुलाई 2023 (13:13 IST)
Global warming and Birds : आमतौर पर प्‍यार में पड़े इंसानी जोड़ों को ‘लव बर्ड्स’ कहा जाता है। शायद लव बर्ड्स प्‍यार का प्रतीक माने जाते हैं। लेकिन अगर बर्ड्स के बीच ब्रेकअप की खबरें आने लगे तो इसे क्‍या कहा जाएगा। जी हां, इंसानों की तरह अब पक्षियों में भी मन-मुटाव, रिश्‍तों में दरार, अलगाव या कहें ब्रेकअप होने के मामले सामने आ रहे हैं।

खास बात है कि यहां भी मेल बर्ड्स यानी नर पक्षी की बेवफाई भी तमाम वजहों में से एक वजह है। कई वजहों से पक्षी अपने पार्टनर से तलाक ले रहे हैं और नए पार्टनर की तलाश कर रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्‍कि एक रिसर्च यह दावा कर रही है। जर्मनी और चीन के शोधकर्ताओं ने जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसायटी में यह रिसर्च प्रकाशित हुई है।

कभी वफादार थे, अब नहीं रहे : अब तक माना जाता रहा है कि पक्षियों की 90 फीसदी पक्षियों की आबादी ऐसी थी जो उम्रभर एक ही पार्टनर के साथ रहती है। लेकिन अब कई प्रजातियां ऐसी हैं जो पुराने रिश्‍तों को छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं और नए रिश्‍तें तलाश रहे हैं। यानी पहले कई प्रजातियां वफादार होती थी,लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। अब समय के साथ इंसानों की तरह ही पक्षी भी मूव ऑन कर रहे हैं। यह दावा चीन में पक्षियों की 232 प्रजातियों पर हुई रिसर्च में किया गया है।

232 प्रजातियों पर हुई रिसर्च : रिसर्च कहती है, लम्बी दूरी तय करने वाले पक्षियों में अलगाव के मामले आ रहे हैं। पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके एक से दूसरी जगह पहुंच रहे हैं, ऐसे में वापसी पर पार्टनर से अलगाव हो जाता है। इसकी वजह इंसान ही है। चीन में पक्षियों की 232 प्रजातियों पर हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है। रिसर्च करने वाली चीन की सुन याट सेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि लम्बी दूरी तय करने वाले पक्षियों में ब्रेक और तलाक लेने की दर कहीं ज्यादा है। ये ऐसे पक्षी हैं जो साल में दो बार एक से दूसरी जगह भोजन और ब्रीडिंग के लिए जाते हैं।

क्‍यों हो रहे पक्षियों के तलाक : दरअसल, शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी रिसर्च में सामने आया है कि पक्षी अपने पुराने पार्टनर को छोड़कर नए साथी की तलाश कर रहे हैं। इनमें एक वजह तो नर पक्षी के एक से ज्यादा पार्टनर होना और दूसरी वजह लंबी दूरी का माइग्रेशन है।

दरअसल, जंगल काटे जा रहे हैं। इंसानों के कारण दुनियाभर में कार्बन-डाई-ऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है। नए शहर बस रहे हैं। इसका असर पक्षियों के जीवन पर पड़ रहा है। उनके ब्रीडिंग और खाने की जगह में बदलाव हो रहा है। वैज्ञानिक इसे बिहेवियरल डिवोर्स भी कहते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग भी एक वजह : लिवरपूल यूनिवर्सिटी में मरीन बायोलॉजी की एक्सपर्ट डॉ. सामंथा पैट्रिक के मुताबिक माइग्रेशन के कारण ब्रेकअप जैसी घटनाएं हो रही है, इसके साथ ही क्लाइमेट चेंज के कारण प्रवासन का समय भी उसी हिसाब से गड़बड़ा सकता है। ऊपर से गर्मी का भी पक्षियों पर असर हो रहा है। मौसमी परिवर्तन की वजह से उनके उड़ने और प्रजनन की क्षमता और मानसिकता पर असर हो रहा है।
Edited By navin rangiyal


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