इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली (संसद) को भंग करने की सलाह दी है और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को असेंबलीज़ को भंग करने की सलाह दी है।
खान ने अपने संबोधन में अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के लिए देश की जनता को बधाई दी और कहा कि डिप्टी स्पीकर ने सत्ता परिवर्तन के प्रयासों तथा और विदेशी साजिश को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव होना चाहिए ताकि जनता तय कर सके कि वह सत्ता में किसे चाहती है।
उन्होंने कहा कि चुनाव की तैयारी करें। देश का भविष्य कोई भी भ्रष्ट ताकत तय नहीं कर सकती। जब नेशनल एसेंबली भंग हो जायेंगी तो अगले चुनाव और कार्यवाहक सरकार की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
इस बीच सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए प्रधानमंत्री की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी गई है। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि 90 दिनों के अंदर नए चुनाव होंगे।
उनकी घोषणा से कुछ मिनट पहले ही नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। विपक्ष की ओर से अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी ने संसद के अहम सत्र की अध्यक्षता की।
विपक्ष के सदस्य जब सदन पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया। विपक्ष को खान को सरकार से बाहर करने के लिए 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है जबकि उन्होंने दावा किया है कि उनके पास 177 सदस्यों का समर्थन है।
खान 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे और अब अपने राजनीतिक करियर के नाजुक मोड़ पर हैं क्योंकि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने बहुमत खो दिया है। उनकी दो सहयोगी पार्टियों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और विपक्ष के खेमे से हाथ मिला लिया है।