पाकिस्तानी सेना ने नवाज शरीफ की नींद हराम कर दी है। 14 अक्टूबर को हुई कॉर्प्स कमांडर की बैठक में सेना और सरकार के बीच की खाई साफ नजर आई। इस बैठक में सेना ने 'द डॉन' अखबार को लीक हुई जानकारी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदार ठहराते हुए खबर देने वाले का पता लगाने के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है।
'डॉन' के वरिष्ठ पत्रकार सिरिल अल्मीडा ने सूत्रों के हवाले से सरकार और सेना के बीच टकराव की खबर दी थी। रिपोर्ट में तीन अक्टूबर की बैठक में सेना के प्रतिनिधि आइएसआइ प्रमुख रिजवान अख्तर और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ के बीच नोकझोंक की बात कही गई थी।
सेना के कोर कमांडरों की 14 अक्टूबर को बैठक हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री और उनकी टीम के प्रति सेना की कटुता सतह पर आ गई। सेना ने बैठक से जुड़ी रिपोर्ट मीडिया में लीक करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जिम्मेदार ठहराया है। अब अल्टीमेटम भी दे दिया गया। हालांकि, सेना रिपोर्ट को पहले ही गलत और मनगढ़ंत बता चुकी है। इसके बावजूद इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है।
उड़ी हमले की प्रतिक्रिया में भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई से सरकार और सेना के बीच की खाई और चौड़ी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट लीक करने वाले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाले चेहरे के रूप में दिखाना चाहते थे।
वहीं, जनरल राहील शरीफ के नेतृत्व में सेना आतंकियों के खिलाफ जर्ब-ए-अज्ब नाम से अभियान चला रही है। इससे सेना को लोगों का भारी समर्थन मिलने लगा है। सेना आतंक रोधी अभियान को पंजाब प्रांत में भी चलाने को तत्पर है। इससे प्रधानमंत्री और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ की चिंताएं बढ़ गई हैं।