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पाकिस्तान ने अब चीन के साथ भी की 'गद्दारी'...

हमें फॉलो करें पाकिस्तान ने अब चीन के साथ भी की 'गद्दारी'...
, मंगलवार, 31 मई 2016 (21:51 IST)
इन दिनों चीन और पाकिस्तान की दोस्ती की पूरी दुनिया में चर्चा है। भारत पर दबाव बढ़ाने की गरज से चीन पाकिस्तान की खूब मदद कर रहा है। पैसे से, हथियारों से और वक्त पड़ने पर कूटनीति से भी, लेकिन आदत से मजबूर पाकिस्तान अपने इस नए दोस्त को भी दगा दे रहा है। पाकिस्तानी हुक्मरान एक ओर तो चीन के आगे घुटने टेके खड़े हैं, लेकिन दूसरी ओर उनके पाले हुए आतंकी संगठन पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तान के कराची में सुबह तकरीबन 8 बजकर 38 मिनट पर एक जोरदार धमाका और गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। इसमें सवार तीन लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। काले रंग की इस मिनी बस में एक चीनी इंजीनियर फिन्चे और उनका सिक्योरिटी गार्ड बैठे हुए थे, जबकि ड्राइवर गाड़ी चला रहा था। फिन्चे कराची में चीन की मदद से बन रहे चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी सीपीईसी से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करते हैं।
 
र रोज की तरह सोमवार को भी वो अपने काम पर जा रहे थे। फिन्चे की गाड़ी कराची के लिंक रोड पर गुलशन-ए-हदीद इलाके से गुजर रही थी। तभी एक जोरदार धमाका हुआ और आसपास भगदड़ मच गई। धुआं छंटा तो लोगों ने पाया कि गाड़ी में सवार फिन्चे, उनका सिक्योरिटी गार्ड और ड्राइवर बुरी तरह जख्मी हैं। आननफानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
 
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये बम धमाका चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में दरार के तौर पर क्यों देखा जा रहा है? दरअसल, अमेरिका की बेरुखी के बाद पाकिस्तान ने चीन के आगे मदद के लिए हाथ फैलाया। इसके बाद चीन ने पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश की योजना बनाई है। इनमें से सबसे अहम चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी सीपीईसी है। सीपीईसी पर 46 अरब डॉलर की लागत आएगी। 3000 किलोमीटर लंबा आर्थिक कॉरिडोर बनाया जाएगा, जो पाकिस्तान के ग्वादर को चीन के शिनजियांग प्रांत में काशगर से जोड़ेगा। साथ ही चीन ग्वादर में बंदरगाह को भी विकसित करेगा।
 
माना जा रहा है कि इससे दोनों मुल्कों के आर्थिक रिश्तों में मजबूती आएगी चीन इस योजना के जरिए भारत को घेरने की भी रणनीति बना रहा है। पाकिस्तान सरकार इस योजना के जरिए आने वाले मोटे निवेश को लेकर बहुत उत्साहित है, लेकिन पाकिस्तान के चरमपंथी गुटों को चीन का निवेश रास नहीं आ रहा है। कराची में चीनी नागरिक हुए इस हमले की जिम्मेदारी एक गुमनाम से आतंकी संगठन जिए सिंध रिवोल्यूशनरी आर्मी ने ली है। 
 
बम धमाके के बाद वहां से धमकी भरे पर्चे भी मिले हैं, जिसमें लिखा है विश्व शक्ति के रूप में उभर रहे चीन को हम पाकिस्तान का सहयोगी मानते हैं, लेकिन उसे सिंध के प्राकृतिक संसाधन लूटने और हमारे प्रांत को पंजाबी संगठन का गुलाम बनाने का गुनहगार भी मानते हैं। हम गुलशन-ए-हदीद में चीनी नागरिक पर हुए बम हमले की जिम्मेदारी लेते हैं। चीन ये जान ले कि हम चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सहित सिंध-विरोधी हर योजना का विरोध करेंगे।
 
कराची में हुए इस बम धमाके को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद की धमकी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दो दिन पहले ही हाफिज सईद ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस्लाम पर दिए गए बयान का कड़ा विरोध किया था। दरअसल, शी जिनपिंग ने सख्त लहजे में शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमानों को इस्लामी कट्टरपंथ से दूर रहने को कहा था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुताबिक सभी देशवासी चीन की स्टेट पॉलिसी 'मार्क्सवादी नास्तिकता' का पालन करें और इस्लामी विचारधारा का पालन नहीं करें। न तो वे इस धर्म और न ही किसी और धर्म में अपनी आस्था तलाशने की कोशिश करें।
 
इसके साथ ही चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने ये भी साफ किया कि कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा का बढ़ता हुआ प्रभाव देश की सुरक्षा का मुद्दा है और चीन इस्लाम का प्रचार करने वालों और उनकी मदद करने वालों को नहीं बख्शेगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस्लाम विरोधी बयान के बाद पाकिस्तान में बैठे कट्टरपंथी गुस्से से उबल पड़े और खुद को इस्लाम का पैरौकार बताने वाले आतंक के आका हाफिज सईद ने सीधे सीधे जिनपिंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। साथ ही साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भी निशाना साधा।
 
लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा था कि ऐसे अनर्गल बयान देकर चीन पाकिस्तान की जनता के साथ बरसों पुराने रिश्ते को बिगाड़ रहा है। जिनपिंग का बयान इस्लामी तरीके से जीने पर गंभीर सवाल उठाता है जो कि पूरी तरह गलत है। शरीफ सरकार थोड़ा साहस दिखाए और चीन सरकार से कहे कि उसके ऐसे बयान इस्लामी भावनाओं को आहत कर रहे हैं।
दरअसल, ये सारा झगड़ा चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमानों को लेकर है। 
 
उधर मुसलमान अलग देश की मांग कर रहे हैं और चीन सरकार के खिलाफ काफी उग्र हैं। हाल के दिनों में शिनजियांग प्रांत में हिंसा में भारी बढ़ोतरी हुई है। चीन का ये इलाका अफगानिस्तान से भी सटा हुआ है। चीन सरकार के मुताबिक उइगर आतंकी पाकिस्तानी और तालिबान आतंकियों के साथ मिलकर शिनजियांग प्रांत में आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं। चीन को ये भी मालूम है कि पाकिस्तान में आतंकवाद को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। 
 
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवाद को शह देती है। साफ है पाकिस्तान एक तरफ तो चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है, लेकिन दूसरे हाथ में खंजर लेकर चीन पर हमला भी कर रहा है। अब देखना है ये कि चीन अपने गद्दार पाकिस्तान से कैसे निपटता है।


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