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लादेन को मारने में पाकिस्तान ने की थी अमेरिका की मदद

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वाशिंगटन , बुधवार, 27 अप्रैल 2016 (14:52 IST)
वाशिंगटन। अमेरिका के सुप्रसिद्ध खोजी पत्रकार सेमोर हर्श ने एक बार फिर कहा है कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारने में पाकिस्तान ने अमेरिका की मदद की थी।
 
सेमोर हर्श ने जब पहले ओसामा बिन लादेन को मारने में पाकिस्तान की मदद की बात कही थी तब अमेरिका के राष्ट्रपति भवन ने इसे गलत बताकर इसका खंडन किया था किन्तु अब अमेरिका के इस खोजी पत्रकार ने अपनी पुस्तक में कुछ और तथ्यों को उजागर कर अपनी बात को सच ठहराया है। उनकी यह पुस्तक इसी सप्ताह प्रकाशित हुई है।
 
हर्श ने एक साक्षात्कार में बताया है कि साल भर के भीतर अब अमेरिकी प्रशासन ने स्वयं बताया है कि उसे लादेन के परिसर का पता कैसे चला और किस प्रकार उसे धोखे से मारा गया।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने लादेन को 2006 में हिरासत में ले लिया था और उसने उसे सऊदी अरब के समर्थन से एक कैदी की तरह रखा था। इसके बाद अमेरिका तथा पाकिस्तान के बीच एक गुप्त समझौता हुआ कि जिसके अनुसार अमेरिका लादेन के परिसर पर धावा बोलेगा और पाकिस्तान इससे अपनी अनिभिज्ञता जाहिर करेगा।
 
हर्श ने कहा कि अब उसे लादेन मे मारे जाने के बारे में पहले से अधिक जानकारी है। पाकिस्तान,भारत के चलते अधिक सतर्क है। उसके राडार उसके एफ-16 विमानों पर नजर रख रहे हैं।
 
अत: पाकिस्तान की सहमति के बिना अमेरिकी हेलीकॉप्टरों के लिए एबटाबाद पहुंचना मुश्किल था। पाकिस्तान की सेना और उसकी गुप्तचर एजेन्सी आईएसआई के प्रमुख ने अमेरिका से समझौता किया हालांकि पाकिस्तानी सेना के अधिकारी इससे नाखुश थे। पाकिस्तान की एयर डिफेन्स कमान भी नाखुश थी।
 
हर्श ने एक साक्षात्कार में कहा है कि 2010 के अगस्त में पाकिस्तान के एक कर्नल ने अमेरका के दूतावास और सी.आई. ए. के प्रमुख को आकर बताया कि लादेन चार वर्ष से पाकिस्तान में है। पाकिस्तानी कर्नल बाद में अमेरिका आ गया और वह इस समय वाशिंगटन के निकट किसी स्थान पर है।
 
पाकिस्तानी गुप्तचर सेवा ने लादेन को हिन्दुकुश क्षेत्र से उठाया और एबटाबाद में रखा था। इसके बाद सीआईए ने पाकिस्तानी अधिकारियों से दो मई 2011 को कार्रवाई की तिथि निश्चत करने को कहा। पाकिस्तानी अधिकारी इसके लिए तैयार हो गए। तब तक अमेरिका को लादेन के आवास की जानकारी नहीं थी। (वार्ता)
 

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