इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में विपक्षी दल की नेता मरियम नवाज (Maryam Nawaz) ने भारत की तारीफ करने पर प्रधानमंत्री इमरान खान पर शनिवार को निशाना साधते हुए कहा कि अगर वे पड़ोसी देश को इतना ज्यादा पसंद करते हैं तो उन्हें वहीं चले जाना चाहिए।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम ने यह भी कहा कि खान को भारत का यह उदाहरण भी देना चाहिए कि वहां किसी भी प्रधानमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव का सामना करते हुए संविधान को नहीं कुचलाहै। उनकी यह टिप्पणी खान द्वारा भारत को सम्मान की महान भावना वाला देशबताए जाने के बाद आई है।
इमरान ने बयान में कहा था कि कोई भी महाशक्ति भारत को उसके हितों के खिलाफ कुछ करने के लिए विवश नहीं कर सकती। वे (भारत) प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीद रहे हैं। कोई भी भारत को हुक्म नहीं दे सकता। यूरोपीय संघ के राजदूतों ने यहां जो कुछ कहा है, क्या वे भारत में भी ऐसा ही कह सकते हैं?उनकी टिप्पणियों पर जवाब देते हुए मरियम ने कहा कि खान का दिमाग खराब हो गया है।
उन्होंने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि इमरान भारत की तारीफ कर रहे हैं। उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के कदम पर भी उसका अनुसरण करना चाहिए। भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों के खिलाफ करीब 27 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए। उनकी (खान) तरह किसी ने संविधान, लोकतंत्र और मूल्यों से खिलवाड़ नहीं किया। वाजपेयी महज एक वोट से अविश्वास प्रस्ताव हार गए थे लेकिन उन्होंने खान की तरह संविधान और देश को बंधक नहीं बनाया।
मरियम ने कहा कि सत्ता जाती देखने के बाद बौखला गए व्यक्ति को कोई यह बताए कि उनकी अपनी ही पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया है, न कि किसी और ने। अगर आप भारत को इतना ज्यादा पसंद करते हैं तो वहां चले जाइए और पाकिस्तान की जान छोड़ दीजिए।
मरियम ने खान पर बरसते हुए कहा कि उन्हें अब प्रधानमंत्री नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ऐसा व्यक्ति जो अपने होश में नहीं रहा, उसे कहर बरपाने और देश को गर्त में ले जाने नहीं दिया जा सकता। यह कोई मजाक नहीं है। उन्हें प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री नहीं माना जाना चाहिए, उन्हें मनोरोगी माना जाना चाहिए, जो केवल अपने आप को बचाने के लिए पूरे देश को बंधक बना रहा है।
अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम (48) ने कहा कि 22 करोड़ लोगों का देश अब हफ्तों से बिना सरकार के रह रहा है। संविधान के इस घोर उल्लंघन और उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अपमान करने का नतीजा खराब होगा। यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री खान ने विपक्षी दलों को हैरत में डालते हुए भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने पिछले सप्ताह स्वतंत्र विदेश नीति को लेकर भारत की तारीफ की थी।