इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कहा है कि वह कभी स्कूल नहीं गए और उसके मजे नहीं ले पाए तथा उन्होंने विभिन्न कारणों से घर में स्कूली पढ़ाई की।
वह कल इस्लामाबाद के समीप कैडेट कॉलेज हसन अब्दुल में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां उन्होंने विद्यार्थियों से पाकिस्तान के समक्ष मौजूद चुनौतियों से बेहतर ढंग से निबटने के लिए देश के संस्थापक एमए जिन्ना के पदचिह्नों पर चलने का आह्वान किया।
डॉन ने खबर दी है कि जब राष्ट्रपति की अपनी अपनी शिक्षा के संबंध में टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो कैडेट कॉलेज के पूर्व छात्र संपर्क अधिकारी सैयद मोहम्मद अली ने कहा कि राष्ट्रपति को विभिन्न कारणों से घर में स्कूली शिक्षा मिली थी। हुसैन का संबंध पाकिस्तान के वित्तीय केंद्र कराची से हैं, जहां उनका परिवार विभाजन के बाद आगरा से पहुंचकर बस गया था। उनकी प्रारंभिक जिंदगी बहुत ही सामान्य थी।
वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विश्वासपात्र समझे जाते हैं जिन्होंने अपने और अपनी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रति उनकी निष्ठा के चलते इस शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी।
राष्ट्रपति नियुक्त होने के शीघ्र बाद हुसैन ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह कराची में मदरसे में भी गए। यह पहली बार है कि उन्होंने कहा है कि वह औपचारिक आधुनिक स्कूल प्रणाली से वंचित रहे। (भाषा)