Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

#WebViral पत्नियों ने कहा, पति पीटकर तो देखें, हाथ तोड़कर छोड़ देंगे

Advertiesment
हमें फॉलो करें #WebViral पत्नियों ने कहा, पति पीटकर तो देखें, हाथ तोड़कर छोड़ देंगे
पाकिस्तान की महिलाएं पुराने ढर्रे से बाहर निकलने को आतुर दिख रही हैं। हाल ही में आए एक बिल, जिसमें पतियों को पत्नियों की पिटाई का हक देने जैसी बात कहीं गई है, पर अपनी राय कुछ अधिक ही बोल्डनेस के साथ देते हुए महिलाओं ने पुरूषों (पतियों) को सीधी धमकी दे डाली।

Pic : Twitter
 
#TryBeatingMeLightly हेशटेग के साथ यह धमकी एक सोशल मीडिया आंदोलन का रूप ले चुकी है। जिसमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाला एक बडा वर्ग खुलकर इन महिलाओं के साथा आ गया है। इन्हें जबरदस्त समर्थन भी मिल रहा है। 
 
काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) इस तरह के बिल के पीछे है। यह पाकिस्तान की 20 मेंबर्स की कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडी है जो संसद को कानून बनाने की सलाह देती है। इसकी सिफारिशों के अनुसार एक महिला को पति का कहना न मानने, उसके मुताबिक कपड़े न पहनने पर, संबंध बनाने से रोकने पर थोड़ी पिटाई का हक देने बात कही है। गर्भधारण के 120 के बाद बच्चा गिराने पर हत्या समझा जाने जैसी सिफारिशे हैं।  
 

फोटोग्राफर फहाद राजपर ने ऐसी 12 महिलाओं की तस्वीर एक साथ साझा की है जो इस विषय में खुलकर बोली हैं। हर तस्वीर के साथ, उस महिला की वार्निंग भी है। जानिए क्या हैं इन महिलाओं की धमकियां... 
 
शगुफ्ता अब्बास नाम की महिला का कहना है, "मुझे पीटने की सोचना भी मत! मुझे पीटा तो तुम्हारा हाथ तोडकर अल्लाह के भरोसे छोड़ दुंगी। मुझे जुल्म बर्दाश्त नहीं।" 
 
सादिया अजहर राब्या अहमद ने कहा, "पुरूष हमें अपने दिमाग की कुशलता से पीछे छोड़े। हम सूरज की तरह गर्म हैं। हमें हाथ लगाने पर जल जाओगे।" 
 
ऐसे ही विचार अन्य महिलाओं ने भी जाहिर किए हैं। इससे अलग विचार भी कुछ महिलाओं के हैं। मरयम शब्बीर कहती हैं, "पिटाई के बदले प्यार से मुझे जीतो। प्यार इतना हो कि मुझे तुम्हारी बात टालने का ख्याल भी न आए। 
 
जानिए क्या है इस बिल में... आगे 

काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) के बिल की अन्य सिफारिशे महिलाओं को धीमे बोलने, हिजाब में ही रहने, अजनबियों से बात न करने और पति की रजामंदी के बिना किसे को पैसे न देने की बात कहती हैं। महिला नर्से पुरूष मरीजों का ध्यान न रखें। लड़कियों का शिक्षा लड़कों के साथ न हो। महिलाएं फौजी लड़ाई में भाग न लें। वे विज्ञापनों में काम न करें। 
 
सीआईआई का यह नया बिल 163 पेज का है। इसमें औरतों पर कई तरह के बैन लगाए गए हैं। कुछ रियायतें भी दी गई हैं। इससे पहले सीआईआई ने जो बिल बनाया था, उसे पंजाब असेंबली ने गैर इस्लामी करार देकर ठुकरा दिया था। उसके बाद सीआईआई ने यह नया विवादास्पद ऑप्शनल बिल बनाया है। 
 
पंजाब विधानसभा ने 2015 में महिला सिक्युरिटी बिल पारित किया था। उसमें महिलाओं को घरेलू मारपीट, साइकोलॉजिकल और सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ कानूनी प्रोटेक्शन दिया गया था। इसके लिए अलग टोल फ्री नंबर और पीड़ित महिलाओं को रखने के लिए शेल्टर बनाने का भी इंतजाम किया गया था। सीआईआई इस प्रस्तावित बिल को पंजाब असेंबली में पेश करेगी।
 
सीआईआई के प्रपोजल पर क्या हो सकती है स्थिति?
कॉन्स्टिट्यूशन के मुताबिक, पाकिस्तान एक इस्लामिक रिपब्लिक है, जिसके मुताबिक देश और राज्यों में चुनी हुई सरकार है। CII के प्रपोजल मानने से पहले लेजिस्लेशन मौलवियों की राय ले सकती है। अगर विधायिका काउंसिल के प्रपोजल को मानने से इनकार करती है तो उनपर ईशनिंदा का आरोप लग सकता है। पाकिस्तान में ईशनिंदा पर मौत की सजा दी जा सकती है। लेकिन माना जा रहा है कि इस बिल पर हुए विरोध के बाद सीआईआई बिल में कुछ बदलाव कर सकती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सोनिया गांधी थक गई हैं, नई पीढ़ी को मिले जिम्मेदारी: कैप्टन अमरिंदर सिंह