इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपए के बहुचर्चित पनामागेट मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संपत्ति की जांच के बाद संयुक्त जांच समिति (जेआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर शरीफ और वित्तमंत्री इशाक डार को शुक्रवार को अयोग्य करार दिया। शरीफ ने इसके बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
पाकिस्तान के सरकारी टीवी न्यूज चैनल पीटीवी ने इस बात की जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही संयुक्त जांच समिति (जेआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुनाया। जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शरीफ परिवार के पास आय के घोषित स्रोत से बहुत अधिक संपत्ति है।
शरीफ के पूर्व अकाउंटेंट डार ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत कर बताया था कि किस प्रकार शरीफ के परिवार ने लंदन और अन्य जगहों पर संपत्तियां अर्जित की। डार को शरीफ की कैबिनेट के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक माना जाता है। डार ने 2013 में गंभीर आर्थिक समस्या से पाकिस्तान को उबारा था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को आदेश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करें। पनामागेट मामले की जांच के लिए छह मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया था।
तय समय सीमा के भीतर जेआईटी ने 10 जुलाई को यह रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। मामले की सुनवाई 21 जुलाई को पूरी हो गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
गौरतलब है कि पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले में शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों के नाम का खुलासा होने के बाद से ही पाकिस्तान में विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद से शरीफ को हटाए जाने की मांग हो रही है। उन पर और उनके परिवार पर विदेश में संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था।
शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ उनकी जगह प्रधानमंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। शाहबाज के हालांकि निचले सदन नेशनल असेम्बली के सदस्य नहीं हैं, जिसके कारण वह फौरन उनका स्थान नहीं ले सकते और उन्हें चुनाव लड़ना होगा।
पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शाहबाज के उपचुनाव में निर्वाचित होने तक रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ के 45 दिनों तक अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने की संभावना है। यह निर्णय सत्तारुढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया।
प्रधानमंत्री के तौर पर शरीफ का यह तीसरा कार्यकाल था और वे तीनों बार ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। न्यायालय के फैसले के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तत्काल शरीफ की योग्यता को खारिज करने
का आदेश दे दिया। (वार्ता)