इस्लामाबाद। पेशावर में हाई सिक्योरिटी वाले क्षेत्र में खचाखच भरी एक मस्जिद में दोपहर की नमाज की दौरान एक तालिबानी आत्मघाती हमलावर द्वारा विस्फोट कर खुद को उड़ा लेने से कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई। इस हमले में 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। खबरों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों को घटनास्थल से धमाके में उड़ा हुआ एक सिर बरामद हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि यह हमलावर का सिर है।
खबरों के विस्फोट में अभी भी कई गंभीर रूप से घायल हैं। खबरों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों को घटनास्थल से धमाके में उड़ा हुआ एक सिर बरामद हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि यह हमलावर का सिर है, जिसने ब्लास्ट से खुद को उड़ा लिया। पाकिस्तान तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
पाकिस्तान तालिबान को तहरीक ए तालिबान के नाम से भी जाना जाता है। आतंकी संगठन ने कहा कि उसने पिछले साल अगस्त में अपने नेता उमर खालिद खुरासनी की हत्या का बदला लिया लिया है। उमर खालिद खुरासनी की मौत अगस्त 2022 में अफगानिस्तान में तब हुई थी। जब उसकी कार को निशाना बनाकर एक धमाका किया गया था। इसमें खुरासनी समेत 3 लोगों की मौत हुई थी।
पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर (सीसीपीओ) एजाज खान ने मीडिया से कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि अभी भी कई पुलिसकर्मी मलबे में दबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि करीब 300-400 पुलिसकर्मी आमतौर पर दोपहर के समय नमाज अदा करते हैं। अगर पुलिस लाइंस के अंदर धमाका हुआ है तो यह सुरक्षा में चूक है लेकिन मामले की जांच से ही आगे का खुलासा हो सकता है।
खान ने कहा कि ऐसी संभावना है कि हमलावर सरकारी वाहन से मस्जिद परिसर में घुसा हो। उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) मामले की जांच कर रहा है।
जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विस्फोट की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भेज दी गई है।
सूत्रों ने कहा कि घटनास्थल पर मिले सबूतों से संकेत मिलता है कि यह एक आत्मघाती हमला था। रिपोर्ट के मुताबिक, खंभे गिरने से छत गिर गई, जिससे काफी नुकसान हुआ है। सुरक्षा खामियों पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी हमले पर दुख जताया।
पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गई थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है।
उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल होने का आरोप है। इसे अल कायदा का करीबी बताया जाता है। Edited by : Sudhir Sharma