PM Narendra Modi News : भारत और अमेरिका ने अपने उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने, अध्ययन की सुविधा प्रदान करने तथा प्रमुख अमेरिकी कॉलेजों के परिसर भारत में स्थापित करने के अवसर तलाशने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में अपनी व्यापक वार्ता के दौरान यह भी स्वीकार किया कि छात्रों, शोधार्थियों और कर्मचारियों की आवाजाही से दोनों देशों को पारस्परिक लाभ हुआ है। ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय इस साल भारत में अपना परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जबकि दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय (डीकिन और वोलोंगोंग) के गुजरात में पहले से परिसर हैं।
हालिया ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 3,31,602 है, जो 2022-23 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है, जब यह संख्या 2,68,923 थी। संयुक्त बयान में कहा गया, राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि 3,00,000 से अधिक भारतीय छात्र समुदाय अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का योगदान देता है और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से काफी संख्या में नौकरियां सृजित करने में मदद करता है।
बयान के अनुसार, नवाचार को बढ़ावा देने, सीखने के परिणामों को बेहतर करने और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के विकास में अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग के महत्व को स्वीकार करते हुए, दोनों नेताओं ने संयुक्त और दोहरी डिग्री जैसे प्रयासों के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया।
बयान में कहा गया है, संयुक्त उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना और भारत में अमेरिका के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना करने का संकल्प लिया गया। मोदी ने यह भी कहा, अमेरिका में भारतीय समुदाय हमारे संबंधों में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लोगों के बीच आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए हम जल्द ही लॉस एंजिलिस और बोस्टन में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलेंगे।
उन्होंने यह भी कहा, हमने अमेरिकी विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को भारत में परिसर खोलने के लिए आमंत्रित किया है। इस बीच, नई दिल्ली में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर पोस्ट किया, अमेरिकी और भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के दृढ़ संकल्प का स्वागत है।
उन्होंने कहा, इससे शिक्षा और अनुसंधान में आपसी प्राथमिकताओं को साकार करने में गति आएगी, ज्ञान सेतु को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त होगा और भारत-अमेरिका ज्ञान सहयोग को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत 3,77,620 छात्रों को अमेरिका भेजने के साथ इस मामले में शीर्ष स्थान पर रहा। भारत के बाद चीन का स्थान है, जिसके 3,30,365 छात्र अमेरिका गए।
भारत ने 2022 की तुलना में 27.1 प्रतिशत अधिक छात्र भेजे। भारत ने पिछले साल विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर स्थापित करने के लिए अपने मानदंडों की घोषणा की थी। इससे पहले, भारत ने गुजरात में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर खोलने की अनुमति दी थी।
ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय इस साल भारत में अपना परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जबकि दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय (डीकिन और वोलोंगोंग) के गुजरात में पहले से परिसर हैं। क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी को भी गुजरात में परिसर स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। अभी तक किसी भी अमेरिकी विश्वविद्यालय का भारत में कोई परिसर नहीं है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour