BRICS Leaders Retreat: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका में 'ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट' (BRICS Leaders Retreat) में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने 5 देशों के समूह के अन्य नेताओं के साथ वैश्विक घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया। मोदी दक्षिण अफ्रीका और यूनान की 4 दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे।
जोहानिसबर्ग में वे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले ब्रिक्स नेताओं के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह साल 2019 के बाद ब्रिक्स नेताओं का पहला आमने-सामने का शिखर सम्मेलन होगा। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट' में हिस्सा लेने के लिए समर पैलेस पहुंचे। मेजबान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।
बागची ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ अन्य ब्रिक्स नेता अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे और वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए ब्रिक्स मंच का लाभ उठाएंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने जोहानिसबर्ग में 'ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग' को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले उन्होंने शहर में निर्माणाधीन स्वामिनारायण मंदिर का एक मॉडल देखा।
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स बिजनेस फोरम ने मुझे भारत के विकास पथ और व्यापार सुगमता एवं सार्वजनिक सेवा की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालने का अवसर दिया। इससे डिजिटल भुगतान, बुनियादी ढांचे के निर्माण, स्टार्टअप की दुनिया और अन्य क्षेत्रों में भारत की ओर से की गई प्रगति पर प्रकाश डालने का भी मौका मिला।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा कि भारत 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' में विश्वास करता है। पिछले कुछ वर्षों में हमने आईटी, सेमीकंडक्टर और ऐसे अन्य क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। हमारा आर्थिक दृष्टिकोण महिलाओं के सशक्तीकरण को भी बहुत महत्व देता है।
इस बीच जोहानिसबर्ग से आई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बिजनेस फोरम में शिरकत नहीं की, जहां उनके समूह के अन्य नेताओं के साथ भाषण देने की संभावना थी। कार्यक्रम में चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ ने चिनफिंग का भाषण पढ़ा जिसमें उन्होंने 'आधिपत्य' की प्रवृत्ति को लेकर अमेरिका की आलोचना की।
भाषण में जिनपिंग ने कहा कि अमेरिका उन देशों से लड़ने की प्रवृत्ति रखता है, जो वैश्विक मामलों और वित्तीय बाजारों में उसके प्रभुत्व को खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा कि हर देश को विकास का अधिकार है और लोगों के पास खुशहाल जीवन जीने की आजादी होनी चाहिए। चीनी राष्ट्रपति ने अमेरिका पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन एक देश वर्चस्व बनाए रखने के लिए उत्सुक है और वह उभरते बाजारों और विकासशील देशों को पंगु बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta