नवाज शरीफ की राह आसान नहीं, PM पद के लिए PPP नहीं देगी समर्थन
पाकिस्तान नेशनल असेंबली इलेक्शन में किसी भी दल को बहुमत नहीं
PPP will not support Nawaz Sharif: पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान समर्थक उम्मीदवारों की बड़ी जीत के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने सरकार बनाने का दावा किया है। इस बीच, उन्होंने कहा कि वे पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते कायम करेंगे।
नवाज के कार्यकाल भारत-पाक के रिश्ते ठीकठाक चल रहे थे। भले ही इमरान समर्थक बड़ी संख्या में चुनाव जीते हों, लेकिन वे सभी निर्दलीय हैं। इमरान की पार्टी को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं थी। इस बीच, पीपीपी ने खुलासा किया है कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए नवाज शरीफ को समर्थन नहीं देगी।
नवाज शरीफ ने दावा किया कि पीएमएल-एन सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। गठबंधन सरकार बनाने की पेशकश करते हुए शरीफ ने कहा कि उनकी पार्टी निर्दलीय समेत सभी पार्टियों के जनादेश का सम्मान करती है।
सबको साथ बैठने की जरूरत : नवाज शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि मुल्क को मौजूदा मुश्किलों से बाहर निकालने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ बैठने और सरकार बनाने की जरूरत है। नवाज शरीफ ने कहा कि पीएमएल-एन इस देश की सबसे बड़ी पार्टी है। हमारा फर्ज है कि पाकिस्तान को इस मुश्किल भंवर से बाहर निकाला जाए।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को अगले 10 साल तक स्थिरता चाहिए। हम किसी से भी लड़ना नहीं चाहते हैं। इस वक्त पाकिस्तान लड़ाई बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम सबको मिल-जुलकर पाकिस्तान को 21वीं सदी में लेकर जाना होगा।
उनकी पार्टी ने दावा किया कि वह स्वतंत्र उम्मीदवारों के संपर्क में है, जो ज्यादातर पाकिस्तान तहरीक -ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित हैं। शरीफ की पुत्री एवं पीएमएल-एन की प्रमुख नेता मरियम नवाज ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पिछली रात मीडिया के एक वर्ग द्वारा जानबूझकर फैलाई गई गलत अवधारणा का विरोध किया और कहा कि पीएमएल-एन, अल्हम्दुलिल्लाह केंद्र और पंजाब में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है।
इमरान समर्थकों को सबसे ज्यादा सीटें : पाकिस्तान चुनाव आयोग से घोषित नेशनल असेंबली के 228 नतीजों के मुताबिक इमरान खान समर्थक 95 निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं, जबकि पीएमएल-एन को 66, पीपीपी को 50, एमक्यूएम को 12, पीएमएल को 3, आईपीपी को 2, जेयूआई को 2 और पीएनएपीएफ को 1 सीट मिली है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala