एल्माउ (जर्मनी)। दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेताओं ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वीडियो लिंक के जरिए बातचीत की और यूक्रेन के पुनर्निर्माण में मदद के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए रूसी तेल के मूल्यों पर अंकुश लगाने, रूस के सामान पर शुल्क बढ़ाने तथा नई पाबंदियां लगाने के इरादे जताए।
अमेरिका भी रूस के खिलाफ जंग में मदद के लिए यूक्रेन को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली देने की घोषणा करने वाला है। इसके साथ, जी-7 के नेता रूस के खिलाफ कुछ नई पाबंदियों की घोषणा कर सकते हैं। वहीं, जेलेंस्की ने चिंता जताई है कि पश्चिमी देश युद्ध लंबा चलने के कारण थक चुके हैं। जी-7 के तीन दिवसीय सम्मेलन में रूस के तेल के मूल्यों को नियंत्रित करने तथा रूसी अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने वाली पाबंदियों को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। जी-7 के वित्त मंत्री इन मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
रूसी उत्पादों पर नए शुल्क लगाने की घोषणा : अमेरिका ने रूस से आयातित 570 किस्म के उत्पादों पर नए शुल्क लगाने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही, रूस की रक्षा आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए अन्य पाबंदियां भी लगाई जाने वाली हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन नॉर्वे में विकसित एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम नासाम्स की खरीद की घोषणा कर सकते हैं। अमेरिका व्हाइट हाउस समेत अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों की रक्षा के लिए नासाम्स प्रणाली का इस्तेमाल करता है।
बाइडन यूक्रेन सरकार को अपने खर्चों के लिए 7.5 अरब डॉलर प्रदान करने की प्रतिबद्धता की भी घोषणा करेंगे। यह यूक्रेन को दिए जाने वाले 40 अरब डॉलर के हथियार और आर्थिक पैकेज के तहत होगा। बाइडन ने इस संबंध में एक कानून पर पिछले महीने हस्ताक्षर किए थे।
जलवायु परिवर्तन पर होगी चर्चा : जी-7 के नेताओं ने यूक्रेन पर ध्यान के साथ तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के सोमवार के सत्र की शुरुआत की। बाद में, उनके साथ 5 उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों-भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल और अर्जेंटीना के नेता भी जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और अन्य मुद्दों पर चर्चा में जुड़ेंगे। शिखर सम्मेलन के मेजबान जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि यूक्रेन के बारे में जी-7 देशों की नीतियां काफी हद तक एक समान हैं और उन्हें मजबूत तथा सावधान रहने की जरूरत है।
बाइडन ने रविवार को कहा कि हमें एक साथ रहना होगा, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शुरू से ही यह उम्मीद थी कि किसी तरह नाटो और जी-7 में फूट पड़ जाएगी, लेकिन वह नहीं हुआ और हम यह नहीं होने देंगे।