ह्यूस्टन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र प्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के कदम का पुरजोर समर्थन किया।
मोदी से मुलाकात के दौरान कश्मीर पंडित प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सुरिंदर कौल काफी भावुक हो गए और उन्होंने पीएम का हाथ चूमकर उन्हें धन्यवाद कहा।
दरअसल, पीएम मोदी जब कश्मीरी पंडितों से मिल रहे थे तो सुरिंदर कौल बहुत भावुक हो गए। उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि 7 लाख कश्मीरी पंडितों की तरफ से आपको धन्यवाद। मुलाकात के दौरान जब फोटो सेशन समाप्त हो गया, तो पीएम मोदी ने कश्मीरी पंडितों से उनका हालचाल जानने की कोशिश की और कहा- 'कैसे हैं आप सब।'
किया श्लोक का उच्चारण : प्रतिनिधिमंडल के साथ ‘नमस्ते शारदे देवी’ श्लोक का उच्चारण भी किया जिसके अंत में नमो नमः शब्द का उल्लेख किया गया। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के लोगों समेत मानवता के बेहतरी के लिए प्रार्थना भी की गई। मोदी ने इस दौरान नमो-नमो का उल्लेख भी किया जिसके बाद पूरा प्रतिनिधिमंडल अपने आपको हंसने से नहीं रोक सका।
नया कश्मीर बनाना है : प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सुरिंदर कौल ने मोदी से मिलने के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के लिए दुनियाभर के 7 लाख कश्मीरी पंडितों की ओर से मोदी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी ने बातचीत के दौरान हमसे कहा कि कश्मीरी पंडितों ने बहुत कुछ सहा है। अब हमें एकसाथ मिलकर नया कश्मीर बनाना है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 को समाप्त करने तथा राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र प्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के 5 अगस्त को किए गए फैसलों के बाद मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा है।
सिख और दाऊदी बोहरा समुदाय से की मुलाकात : प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में अपनी 7 दिवसीय यात्रा के पहले दिन यहां दाऊदी बोहरा समुदाय और सिख समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा सम्मानित भी किया गया। प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय से मुलाकात की और पिछले साल दाऊदी बोहरा समुदाय की ओर से इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने को याद किया।
सिख समुदाय ने सौंपा मेमोरैंडम : पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान सिख समुदाय के लोगों ने उन्हें एक मेमोरैंडम भी सौंपा। मेमोरैंडम में सिख समुदाय द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 और आनंद मैरिज एक्ट, वीजा और पासपोर्ट जैसे मुद्दों को उठाया गया है।
सिख समुदाय ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलकर गुरु नानक देव के नाम पर रखने की मांग की है।