Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नेपाल में राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन, हिंसा भड़की, 2 की मौत, कर्फ्यू लगाया

Advertiesment
हमें फॉलो करें Protest in Nepal

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 28 मार्च 2025 (18:48 IST)
Violence during protest in Nepal: नेपाल में राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा राजनीतिक दल के कार्यालय पर पथराव और हमला किए जाने से 2 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य लोगों के घायल होने के बाद शुक्रवार को सेना को बुलाया गया और काठमांडू के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया। जिला प्रशासन ने पहले शाम 4:25 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगाया था, बाद में इसे शनिवार सुबह 7 बजे तक बढ़ा दिया। कुछ इलाकों में किसी को भी घूमने-फिरने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारियों ने बताया कि झड़प के दौरान गोली लगने से काठमांडू के 29 वर्षीय सबिन महराजन की अस्पताल में मौत हो गई।  ALSO READ: राजशाही की मांग से हिला नेपाल, योगी आदित्यनाथ का क्या है कनेक्शन?
 
पत्रकार की मौत : तिनकुने क्षेत्र में एक इमारत से विरोध प्रदर्शन का वीडियो शूट करते समय एवेन्यूज टेलीविजन के फोटो पत्रकार सुरेश रजक की मृत्यु हो गई। यह वह स्थान है जहां राजतंत्रवादियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की थी और सुरक्षा अवरोधकों को तोड़ने का प्रयास किया था। एवेन्यूज़ टीवी के एक सूत्र के अनुसार, आग लगने के तुरंत बाद रजक लापता हो गए थे। बाद में, पुलिस को इमारत की चौथी मंजिल पर बुरी तरह से जला हुआ शव मिला, जिसके बारे में संदेह है कि वह रजक का है। पुलिस ने बताया कि शव की आधिकारिक पहचान अभी नहीं हो पाई है।ALSO READ: नेपाल में भी हिन्दुत्व का चेहरा बने योगी, राजशाही की वापसी के लिए लाखों हिन्दू सड़कों पर उतरे
 
लूटपाट और आगजनी : अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से लगभग आधे पुलिसकर्मी थे। झड़प के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने एक घर को जला दिया, आठ वाहनों को आग के हवाले कर दिया, बानेश्वर में सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के कार्यालय पर हमला किया, चाबाहिल में भटभटेनी सुपरमार्केट को लूट लिया और कांतिपुर टेलीविजन तथा अन्नपूर्णा पोस्ट अखबार के कार्यालयों में तोड़फोड़ की। काठमांडू जिला प्रशासन ने शांतिनगर पुल और मनोहरा नदी पुल के बीच कर्फ्यू की घोषणा की, जिसमें कोटेश्वर, तिनकुने, हवाई अड्डा क्षेत्र, बनेश्वर चौक और गौशाला शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि टिकट दिखाने पर लोगों को हवाई अड्डे तक जाने की अनुमति दी गई।
webdunia
राजतंत्र की बहाली की मांग : पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें और राष्ट्रीय ध्वज लेकर राजतंत्रवादियों ने तिनकुने क्षेत्र में प्रदर्शन किया, जिससे पुलिस के साथ झड़प हुई। हजारों राजतंत्रवादियों ने नेपाल में राजतंत्र की बहाली की मांग करते हुए राजा आओ देश बचाओ, भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजतंत्र वापस चाहिए जैसे नारे लगाए।
 
प्रधानमंत्री केपी ओली ने देश में व्याप्त अशांति पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई। गृह मंत्रालय के एक बयान में सार्वजनिक संपत्ति को जलाने और तोड़फोड़ की निंदा की गई और कहा गया कि प्रदर्शनकारी अपनी स्वतंत्रता का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की हिंसा के लिए आयोजक खुद जिम्मेदार हैं। मंत्रालय ने कहा कि सरकार कानून का उल्लंघन करने वालों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र न्यू बानेश्वर की ओर बढ़ने का प्रयास किया, तो पुलिस ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए कई युवाओं को हिरासत में लिया। नेपाल के राजनीतिक दलों ने 2008 में संसद की घोषणा के माध्यम से 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर करके तत्कालीन हिंदू राष्ट्र को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था।
 
राजशाहीवादी तब से राजशाही की बहाली की मांग कर रहे हैं, जब से पूर्व राजा ने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील की थी। राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने नौ मार्च को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थन में एक रैली भी की, जो देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे थे। इसके बाद कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी दिखाई।
 
इस बीच, सोशलिस्ट फ्रंट के नेतृत्व में हजारों राजशाही विरोधी भृकुटीमंडप में एकत्र हुए और गणतंत्र व्यवस्था अमर रहे, भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करो और राजशाही मुर्दाबाद जैसे नारे लगाए। राजशाही विरोधी मोर्चे में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट सेंटर) और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट जैसे राजनीतिक दल भी शामिल हुए।
 
दहल की राजा को चेतावनी : सीपीएन-मोइस्ट सेंटर के प्रमुख पुष्पकमल दाहाल प्रचंड ने यहां भृकुटीमंडप में हजारों लोगों की मौजूदगी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राजशाही समर्थकों को नेपाली लोगों और राजनीतिक दलों के उदारवादी रवैये को कमजोरी नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व राजा अपने पिछले कुकर्मों के कारण एक साधारण नागरिक बनकर रह गए हैं। उन्होंने ज्ञानेंद्र से कहा कि वे वही गलती न दोहराएं, कहीं ऐसा न हो कि वह सब कुछ खो दें। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

विश्व व्यवस्था में बढ़ रहा है भारत का प्रभाव, TV9 शिखर सम्मेलन में मोदी