Wrestlers Protest : विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवान अब भी अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उनकी याचिका पर कार्रवाई बंद कर दी है जबकि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनसे व्यवस्था में विश्वास रखने का अनुरोध किया और कहा कि जांच से सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शन स्थल पर और पहलवानों के प्रवेश को रोक दिया गया है, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन के 13वें दिन कुछ ही किसान पीड़ित पहलवानों को अपना समर्थन देने के लिए जंतर-मंतर पहुंच सके। इस दौरान यहां और दिनों से गहमा-गहमी कम दिखी।
इस दौरान हालांकि कुछ राजनीतिक और किसान नेताओं ने पहलवानों से मुलाकात की। इसमें कांग्रेस की कुमारी शैलजा, किरण चौधरी और अनिल कुमार ने पहलवानों को अपना समर्थन दिया। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कहा, हमारी कानूनी टीम और सलाहकार अगले कदम पर चर्चा कर रहे हैं। किसी चीज को अंतिम रूप देने के बाद हम आपको बताएंगे।
पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक सहित शीर्ष पहलवान 23 अप्रैल से यहां जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और एक नाबालिग सहित सात पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
पहलवानों के पास भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं होने पर निचली अदालत या दिल्ली उच्च न्यायालय में जाने का विकल्प है।
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को महिला पहलवानों की याचिका पर कार्रवाई बंद कर दी। न्यायालय ने इससे पहले इस बात का संज्ञान लिया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और सात शिकायतकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गई है। पहलवानों ने हालांकि कहा कि न्यायालय का फैसला उनके लिए कोई झटका नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। पुलिस ने नाबालिग समेत पांच पहलवानों के बयान भी दर्ज किए हैं। खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने इस दौरान लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों की सारी मांगें मान ली गई हैं और उन्हें दिल्ली पुलिस को निष्पक्ष जांच पूरी करने देना चाहिए।
ठाकुर ने कहा, मैं प्रदर्शन कर रहे सभी खिलाड़ियों से अनुरोध करता हूं कि उनकी मांगें मान ली गई हैं। अदालत ने भी निर्देश दे दिए हैं और उन्हें निष्पक्ष जांच पूरी होने देना चाहिए। उन्होंने कहा, दिल्ली पुलिस दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी और कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस कर्मियों पर बुधवार की रात दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाने वाले पहलवानों ने अतीत में सरकार की तरफ से मिले पुरस्कारों को वापस करने की धमकी दी। इसमें प्रसिद्ध कुश्ती कोच महावीर फोगाट भी शामिल हैं। महावीर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रही विनेश फोगाट के चाचा हैं।
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता इस कोच ने कहा, अगर इस मामले में इंसाफ नहीं मिला तो मैं अपने पदक वापस कर दूंगा। उन्होंने कहा, उस पर जिस तरह के आरोप हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
तीन साल पहले भाजपा से जुड़े फोगाट से पूछा गया कि क्या उन्होंने सरकार से बात की है या पार्टी के स्तर पर मसला उठाया है, उन्होंने कहा, ऐसी कोई बात नहीं हुई है। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भी पद्मश्री समेत अपने पदक और पुरस्कार लौटाने की धमकी दी है।
इस बीच हरियाणा में कई खापों ने भी प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन किया है। हिसार, भिवानी, जिंद और रोहतक में कई खाप ने पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन किए। इस बीच भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष और महान बल्लेबाज सौरव गांगुली ने उम्मीद जाताई कि मौजूदा कुश्ती विवाद का समाधान हो जाएगा लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान गांगुली ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, मुझे उम्मीद है कि इसका समाधान हो जाएगा। पहलवानों ने काफी पदक जीते हैं और देश का नाम रोशन किया है। उम्मीद है कि इसका समाधान निकलेगा।
उन्होंने कहा, उन्हें अपनी लड़ाई लड़ने दो। मुझे नहीं पता कि वहां क्या हो रहा है, मैंने सिर्फ अखबारों में पढ़ा है। खेल की दुनिया में मुझे एक बात का अहसास हुआ कि आप उन चीजों के बारे में बात नहीं करते हैं जिनके बारे में आपको पूरी जानकारी नहीं है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)