टोक्यो। जापान में कृत्रिम बुद्धि (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस) को मनुष्य से भी ज्यादा विकसित करने के लिए बड़े-बड़े प्रयोग हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने न केवल ऐसे रोबोट बना लिए हैं वरन वे पढ़ने-लिखने का भी काम करने लगे हैं। कुछ समय पहले एक जापानी रोबोट ने देश की प्रतिष्ठित टोक्यो यूनिवर्सिटी में दाखिला पाने का टेस्ट दिया, लेकिन बेचारे रोबोट का यह सपना टूट गया। इससे भी खास बात यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वाला यह रोबोट लगातार चौथे साल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में नाकाम रहा है। इसके चलते अब उसे उद्योग-धंधे में नौकरी पर लगाया जाएगा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेटिक्स के प्रोफेसर नोरिको अरई ने कहा कि ‘रोबोट ने पिछले साल के समान ही अंक प्राप्त किए। इसलिए हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की संभावनाओं और सीमाओं का आकलन करने में सक्षम हैं। अब हम उसकी क्षमताओं को विकसित करेंगे, ताकि उद्योग में उससे बेहतर काम लिया जा सके।’
तोरोबो कुन नाम के रोबोट ने नेशनल सेंटर टेस्ट पास करने के लिए कई प्रयास किए। जापान के विश्वविद्यालयों में दाखिला पाने के लिए इस टेस्ट को पास करना जरूरी है। यह रोबोट इस परीक्षा में 2013 से बैठ रहा है, लेकिन चौथे प्रयास में भी वह टेस्ट निकालने में नाकाम रहा।
इस परीक्षा की पांच विषयों में आठ टेस्ट लिए गए और रोबोट ने 950 अंकों में से 525 अंक हासिल किए। उसने पिछले साल की तुलना में इस बार 14 अंक ज्यादा प्राप्त किए, लेकिन उसका कुल अंक 57.1 फीसदी ही रहा, जो प्रवेश के लिए मानक अंक से काफी कम है। टोक्यो यूनिवर्सिटी के लिबरल ऑर्ट्स कोर्स में दाखिले के लिए 80 फीसदी अंक पाना आवश्यक है, लेकिन इस अंक को छूने में असफल रहा। क्या करे बेचारा मशीन की भी कोई सीमा होती है।